Image by Shaurya Singh from Pixabay

26 जनवरी आते
आजादी का जश्न मनाते..
हम आजाद हुए
यह सब जानते...
पर
वो युद्ध और विजय का तांडव...
वो शहीद वीरों की कुर्बानी...
वो हिंसा और अहिंसा की लड़ाई...
भूल गए हम सभी भारतवासी...
कितने वीर भूमि पर कुर्बान हुए..
है नहीं खबर हमें...
तो
याद करो वो घड़ी वो पल...
कितनी मां बहन पत्नी के आंसू सूख गए..
क्योंकि मां भारत की शान बनी रहे...
वो तैयार करती रहीं घर में योद्धा...
तब जाकर हमें यह आजादी मिली...
जिसकी यशगाथा अमर और अनोखी है...
आंखों में बसा वो दृश्य झंझोरता है...
कि यह आजादी व्यर्थ न जाए...
हम करें कुछ ऐसा...
उन वीरों की शहादत अमर रहें...
करें खुद से वादा...
यह जश्न उन वीरों की वीरता को सलामी दें..
और हमें
हर वक्त तैयार रखें...
जब भी दुश्मन की फौज आंख दिखाए...
हम तटस्थ भारत मां की रक्षा खातिर खड़े रहेंगे....
और यह जश्न उन वीरों की कुर्बानी का प्रतीक बने...
जिन्होंने अपना जीवन हमारे खातिर न्यौछावर किया ...
यह गणतंत्र दिवस...
हर साल हमें याद दिलाता..
वो संग्राम..
वो कुर्बानी...
जिसे शायद हम भूल गए...।

.    .    .

Discus