क्या कहूं उनके बारे मे,
जिनसे मुझे ये खुबसूरत संसार मिला,
कुछ शब्दों में उसको बयां कर पाना भी मेरे लिए असभंव है,
फिर भी एक कोशिश की है...
प्यार भरी ममता का आंचल मिला,
पिता के कांधे पर देखी दुनिया,
अपनों से ढेरों प्यार मिला,
मां से रसोई का ज्ञान मिला,
पिता से दुनियादारी की समझ,
अपनों से रिश्तों को निभाना सीखा,
मां से दुख में भी खुश रहना सीखा,
पिता से मेहनत करना सीखा,
अपनों से खुशियां बांटना सीखा,
मां से सहनशीलता का गुण मिला,
पिता से परिश्रम करने की हिम्मत,
जब हुई बड़ी कर दी आपने मेरी विदाई,
तब आपके सिखाए आदर्श पर मै चली,
सबको अपना माना,
उनकी खुशियों में खुश रही,
सास ससुर को अपने मातापिता माना,
बड़े बुजुर्गो का सम्मान करना नही छोडा,
हर बार प्रयासरत रहती मै पापा,
क्योंकि परिश्रम करना आपसे सीखा,
आज भी याद है कहते थे आप,
बेटा कोई भूल हो जाए तो माफी मांग लेना,
कभी गुस्से में कोई फैसला मत करना,
क्योंकि वो परिवार है तेरा अब तुझे हर रिश्तों को निभाना है,
जैसे निभाती तेरी मां,
अब तुझे उनके दिखाए रास्तों पर चलना है,
पापा आपकी हर बात को माना अपना आदर्श,
और चल रही उस राह पर,
क्योंकि आपका मान सम्मान मुझ से जुड़ा है,
मै जानती हूं,
नही करूंगी कोई ऐसा काम आज आपसे वादा करती हूं,
रखूंगी दोनो परिवार का मै मान जैसे रखा मां ने,
क्योंकि आपसे ही सीखा है मैने यह गुण,
मां आपके लिए क्या ही कहूं शब्द नही,
बस कहती आपकी गुडिया रानी इतना ही,
आई लव यू मां,
मुझे इस दुनिया में लाने के लिए,
मुझ पर इतना प्यार स्नेह लुटाने के लिए,
मुझ अपना जैसा बनाने के लिए,
मेरी गलतियों को माफ करने के लिए,
मेरे गुस्से को झेलने के लिए,
मुझ से ज्यादा प्यार करने के लिए,
मुझ पर अपनी खुशियां लुटाने के लिए,
मुझे खुद की खुशियों से पहले रखने के लिए,
मुझ पर अपना जीवन लुटाने के लिए। 

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