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नमन उन वीर जवानों को,
जिनके संघर्ष और पराक्रम ने,
हमें यह स्वतंत्रता दिलाई है,
उन मांओं को समर्पित हमारा सर्वस्व जीवन है,
जिनके सपूतों ने सीने पर गोली खाई है,
और न जाने कितने दर्द सहकर हमको यह स्वतंत्रता दिलाई है,
जहां हम घर में सुकून से सोते हैं,
वहां वो वीर रात भर जागते हैं,
जहां हम खुशी उल्लास संग अपनों के संग,
त्योहार मनाते हैं,
वहां वो वीर संघर्ष की लड़ाई लड़ते हैं,
आज गौरवान्वित है पूरा देश उनकी वीरता पर,
आज प्रफुल्लित है पूरा देश उनकी शौर्यता पर,
और करते हर पल उनकी वीरता को सलाम,
आज हम खुश हैं सब उनकी मेहनत का परिणाम है,
सचमुच आज भारत मां पर लहराता शान से झंडा जो,
उन वीर जवानों का बलिदान है,
जिनका जीवन भारत मां के खातिर न्यौछावर है,
कहना आसान होता हमारे लिए,
पर डटकर सीमा पर तैनात होकर,
सर्दी और गर्मी की तपन को सहना,
क्या सच में होता आसान है?
पूछो दिल से कितना दर्द समेटे वो मां,
वो बहन भेजती अपने कलेजे के टुकड़े को,
और रखती दिल पर पत्थर है,
जब सुन उनकी खबर गर्व से करती सीना चौड़ा है,
कि है गर्व मुझे उस भाई पर,
जिसने खुद सीने पर गोली खा,
कितनों की जिंदगी बचाई है,
है गर्व मुझे उस बेटे पर,
जिसने लिया मेरी गोद में जन्म,
और निभाया देश के प्रति अपना फर्ज है,
बेशक न रहा बेटा मेरे पास,
पर कितनी मांओं का मिला उसे आशीर्वाद है,
यह सोच आज मेरा जीवन हुआ सफल है।