Photo by Dustin Belt on Unsplash
न मुलाकात न जान पहचान,
फिर भी दोस्ती की देते मिशाल,
कुछ घंटे हुई सोशल मीडिया पर बात,
और बन गए बेस्ट फ्रेंड,
क्या आया जमाना,
ऑनलाइन ने खूब खेल रचाया,
दोस्तों के साथ कनेक्ट होकर,
पास रहते दोस्तों से बातें करना हुआ बंद,
अब तो सोशल मीडिया पर दोस्तों की महफ़िल जमती,
दुख सुख की ढेरों बातें होती,
कहते हर वक्त साथ है हम तेरे,
क्योंकि तेरी मेरी दोस्ती है बड़ी खास,
आजतक मिले नहीं फिर भी दोस्ती है खास,
जो रहते पास उनसे कर ली टाटा बाय,
सचमुच ऑनलाइन दोस्तों की लम्बी कतार है,
पर मुश्किल में कौन साथ निभाएगा?
जिनके घर का ठिकाना नहीं,
जिनसे हुई बस कुछ पल की मुलाकात है,
भला वो कैसे उन दोस्तों की कर सकते बराबरी,
जिनके साथ बिताया तूने अपना बचपन है,
बेशक दोस्त तेरे सच्चे होंगे,
हमसे भी ज्यादा अच्छे होंगे,
पर उनके खातिर हमें भुला दें ये क्या बात हुई,
भला बता ये क्या बात हुई,
कुछ पल की दोस्ती हमसे ज्यादा खास हुई,
सोचा जा जमाना बदल जाएगा,
पर दोस्ती हमेशा बनी रहेगी,
पर ऑनलाइन के जमाने में,
दोस्ती यूं बिखर जाएगी,
यह न कभी सोचा था,
चल कोई न दोस्त तू खुश रह,
हमारा क्या है हम उन यादों में खुश रहेंगे,
जिनमें बिताया हमने बचपन है,
उन फोटो में उन गलियों को याद करेंगे,
और हर जन्म में तेरी दोस्ती की मिशाल देंगे।