Image by Lorraine Cormier from Pixabay सब कहते हैं,
मां है तो...
ममता का एहसास हैं...
आंचल की छांव हैं,
पर
मैं कहती हूं..
पिता है तों धूप की तपिश नहीं...
मुश्किल कोई सफर नहीं,
दोनों का स्थान और प्रेम की
कोई तुलना नहीं,
एक नींव है तो दूजा अस्तित्व..
हमारे लिए दोनों ही हमारी दुनिया हैं,
उनके रहते...
सारे सपने ख्वाहिशें जिद्द पूरी हैं,
बिना उनके जीवन कठिन तपस्या हैं..
पिता धैर्यवान है तो मां सहनशील..
एक डांटकर समझाता हैं,
तो दूजा प्यार कर...
दोनों ही जीवन जीना सिखाते हैं,
संस्कार रूपी बीज बोते हैं...
पिता आदर्श है तो मां उसकी परिभाषा
बिना दोनों के हम कुछ नहीं..।
. . .