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दीप प्रकाश पर्व है आया
चारों ओर उत्सव है छाया
खुशियों का त्यौहार है आया
बज रहा मंगल बाज बधावा
ऐसा विजय दिवस है आया
हट गया है बुराई का साया
दीप प्रकाश पर्व है आया
फैला था अंधकार का साया
जब त्रेता युग था आया
रावण हर ले गया राम की भार्या
बुराई ने अपना पाँव पसारा
चहुँ ओर मचा तब हाहाकारा
दीप प्रकाश पर्व है आया
तब राम ने अपना तेज दिखाया
प्रिया को लेने पहुँचे लंका
बज रहा उनके नाम का डंका
सीता हरणी रावण को मारा
दसानन को भव सागर से तारा
दीप प्रकाश पर्व है आया
चारों ओर उत्सव है छाया
दूत जब अयोध्या आया
खुशखबरी यह सबको बतलाया
उनका राजा लौट है आया
चारों तरफ हर्षोल्लास है छाया
घर घर सबने दीप जलाया
दीप प्रकाश पर्व है आया
चारों ओर उत्सव है छाया...... 

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