अभिव्यक्ति की आज़ादी.... क्या है ये?? अभिव्यक्ति की आज़ादी राजनीति का वो अहम हिस्सा है जो भारत की आज़ादी के बाद जुड़ा। पहले हम ब्रिटिश शासन के ग़ुलाम थे अपनी किसी भी विचारधारा को व्यक्त करने की इजाज़त नही थी फिर देश के क्रान्तिकारियो ने हमें इस गुलामी से मुक्ति दिलायी और फिर हमें खुलकर बात कहने की आज़ादी मिली । अपने मतों के अनुसार चुने गए प्रतिनिधित्व को हमने स्वेच्छा से देश चलाने की अनुमति दी।किन्तु आज हर कोई अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल उठा रहा है। क्या है ये अभिव्यक्ति की आज़ादी किसी भी धर्म का अपमान करना या किसी व्यक्ति विशेष का अपमान करना या अपनी विचारधाराओ से किसी एक वर्ग को प्रभावित करना।जब हमें कुछ भी अभिव्यक्त करने की आज़ादी नही थी तब हमारे अंदर संयम था लेकिन जब हमें बोलने की अनुमति मिली तो हमने अपना संयम ही खो दिया ।भारत एक बहुत बड़ा राजनीतिक केंद्र है जिसपर दुनिया की निगाहें टिकी हुई है ।आजकल हर बात को राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़ दिया जाता है और फिर उसे अभिव्यक्ति की आज़ादी का अमली जामा पहना कर पेश किया जाता है।अभिव्यक्ति की आज़ादी का मतलब है नकारात्मक सोच को सकारात्मक ऊर्जा में बदलना और अपनी विचारधारा से भटके हुए को सही दिशा प्रदान करना। अभिव्यक्ति की आज़ादी वो ज़िम्मेदारी है जिसे हर एक देशवासी को पूरी ईमानदारी से निभाना चाहिए।

हमें ये समझना होगा कि प्राथमिकता किस बात को देनी है ।जो हमारे आज के युवा है इस देश का आने वाला भविष्य जिन्हें आज भी यही लगता है कि हम गुलामी के ज़ंजीरो में जकड़े हुए है । उन्हें लगता है कि उनसे बोलने की आजादी छीन ली गई है इसीलिए वे लोग बिना सोचे समझे अभिव्यक्ति की आज़ादी का पाठ अपने सहपाठियों को पढ़ाने लगते है और शिक्षा के मंदिर को राजनीतिक केंद्र बनाकर अपनी नकारात्मक विचारधारा से दूसरों को उकसाने का प्रयास करते है और उसमें काफी हद तक सफल भी होते है। किसी ने ठीक ही कहा है कि " अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी भी सार्वजनिक या व्यक्तिगत अव्यवस्था पैदा करने का हक़ कदापि नही रखती। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब असिमित मनमानी करने की छूट या कहीं कुछ भी बोलने की आज़ादी कतई नही है।" कहने का सारांश यह है कि यदि ईष्वर ने आपको अच्छा बोलने की और लोगो को अपनी बोलने की कला से प्रभावित करने का गुण दिया है तो उससे लोगों को सही दिशा प्रदान कीजिये न कि उन्हें अपने रास्ते से भटका कर गलत राह पर चलने के लिए प्रेरित कीजिये। अभिव्यक्ति की आज़ादी अपनी सोच अपने मन के भाव और एक व्यक्ति के विचारों को व्यक्त करने का राजनीतिक अधिकार है इसीलिए हम अभिव्यक्ति की आज़ादी और राजनीति को एक दूसरे से अलग नही रख सकते।  

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