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भारत का अभिन्न अंग है राजनीति
किसी भी देश को चलाने का मंच है राजनीति
महाभारत काल की देन है यह नीति
कौरवों ने जो खेला वह खेल है यह नीति
पांडवों को तो इसका ज्ञान भी न था
किस नीति से खेलते हैं इसका भान भी न था
जब समझ में आई खेल खेलने की यह नीति
तब तक जा चुकी थी उनकी समस्त कीर्ति
भारत का अभिन्न अंग है राजनीति
किसी भी देश को चलाने का मंच है राजनीति
श्री कृष्ण के गीता की आधार है यह नीति
अर्जुन को सकंट से उबारने का सार है यह नीति
कलयुग का आगामी विस्तार है यह नीति
पल भर में सत्ता पलट दे वह तीव्र धार है राजनीति
कभी छल कपट और छलावे को सिखाती है यह नीति
तो कभी सत्य के पथ पर अग्रसर कराती है राजनीति
भारत का अभिन्न अंग है राजनीति
किसी भी देश को चलाने का मंच है राजनीति
इसकी शक्ति अपार है जिससे मोहित सारा संसार है
हर किसी को पद की भूख है इसके मद में चकनाचूर है
कभी अपने वर्चस्व का एहसास कराती है राजनीति
कभी राजनेताओं को आपस में लड़वाती है राजनीति
बिना हथियार के खेला जाए वह द्वंद है यह नीति
बिना वार के भी खंड खंड कर दे वो तंज है राजनीति
भारत का अभिन्न अंग है राजनीति
किसी भी देश को चलाने का मंच है राजनीति
आखिर क्या है ...बस सिर्फ एक खेल है राजनीति
वर्तमान की जीत हार से भविष्य का तालमेल है राजनीति
अब तो हर घर में खेला जाने वाला प्रिय खेल है राजनीति
गांव शहर गली मोहल्लों में फैली दुर्गंध है राजनीति
अपनों से अपनों का विश्वासघात है ये राजनीति
बस सत्ताधारियों की सत्ता की बिसात है ये राजनीति
भारत का अभिन्न अंग है राजनीति
किसी भी देश को चलाने का मंच है राजनीति.

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