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भारत की आज की स्थिति को देखते हुए हमे ये तो आसानी से पता चल जाता है कि राजकारण मे पडना या कोई इलेक्शन लढना आम आदमी के बस की बात तो बिल्कुल भी नही लगती ।और अगर कोई व्यक्ति आ भी गया तो वो बहुत दिक्कते सहकर आता है ।

दुख की बात तो यह है कि हमारे देश के युवा तो राजकारण मे बिल्कुल भी दिलचस्पी नही दिखाते ।और राजकारण भी एक करियर है ऐसा तो कोई भी नही सोचता।

ज्यादातर हम देखते है कि अगर कोई नेता हो तो उसके बाद फिर उसका बेटा या कोई रिश्तेदार खडा हो जाता है।चाहे उसे कुछ आता हो या नही।और इसमे आम आदमी बिचारा क्या कर सकता है वो चाहकर भी इलेक्शन नही लड सकता।

और हमारे भारत मे तो बहुत से ऐसे भी नेता होंगे कि उन्हे पता ही नही होता कि वो जिस पद पर विराजमान होते है आखिर उसका कार्य क्या है? उसका उसके प्रती उत्तरदायित्व क्या है?सिर्फ नाम के लिए बन जाते है ।और आता वाता कुछ नही ।

यहा तक कि बहुत से नेता ऐसे भी होते है कि वो सरकारी अफसर को अपना काम भी ठिक से नही करने देते और वो अफसर चाहकर भी कुछ नही कर सकता ।

मगर ये सब कब तक चलेगा? अगर हमे ये सब बदलना है तो राजकारण के भी कुछ नियम होने चाहिए ।

जैसे कि हम भारत मे देखते है कि अगर कोई भी सरकारी नौकरी पानी हो चाहे वो छोटी बडी कुछ भी हो हमे एक परीक्षा देनी होती है, और अगर हमने वो पास कर ली तो हमे नौकरी मिल जाती है।

चलो ये तो सही है,लेकिन कभी हमने ये सोचा कि जो लोग शासन चलाने के लिए आते है उनकी परीक्षा क्यो नही होती?

मे तो बस अपने इस छोटे से लेख मे ये बताना चाहता हू कि अगर देश मे कोइ भी छोटा बडा इलेक्शन होता है तो उसके पहले जो उमेदवार इलेक्शन लडना चाहते है पहले उन सब कि भी एक exam हो ।जैसे कि अगर कोई गाव मे सरपंच का भी इलेक्शन लड रहा है तो सभी उमेदवारो कि exam हो और उस exam मे सरपंच के कार्य क्या है?उस का उत्तरदायित्व क्या है?ऐसे उसके related questions हो।और जो उमेदवार exam पास कर सके सिर्फ उनको ही आगे इलेक्शन लडने का मौका मिले।

ऐसा हर एक स्तर पर होना चाहिए ।इससे हम इलेक्शन मे होने वाले पैसो का इस्तेमाल भी रोक सकते है और हर कोइ इलेक्शन भी लड सकता है चाहे वो गरीब हो या अमीर।

जैसे कि अगर exam 10 उमेदवार है ऐसा हम मान के चलते है और वो गाव के सरपंच के इलेक्शन के लिए खड़े होना चाहते है।उसमे से पाच गरीब है और पाच अमीर है।मगर अगर exam सिर्फ गरीब लोगो ने पास कि तो वो तो इलेक्शन मे पैसो का इस्तेमाल नही करेंगे और गाव को एक अच्छा सरपंच भी मिल जाएगा।

ऐसा हर स्तर पर होना चाहिए चाहे वो प्रधानमंत्री का इलेक्शन क्यो ना हो।

इससे देश के युवा भी एक करियर की नजर से राजकारण को देखने लगेंगे।और हर स्तर पर अच्छे उमेदवार होंगे।इससे काम करने वाले सरकारी अधिकारी भी परेशान नही होंगे।और राजकारण का nepotism भी खत्म हो सकता है।

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