जानलेवा कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में स्टूडेंट्स असमंजस में हैं कि परीक्षा होगा या नहीं. वहीं रविवार 23 मई 2021 को प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कई हाई-प्रोफाइल मंत्रियों के बीच 12वीं परीक्षा को लेकर एक मीटिंग हुई. इस हाई पावर मीटिंग की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्री भी शामिल हुए. हालांकि ये मीटिंग बिना किसी आम सहमति के समाप्त हो गया. शिक्षा मंत्री निशंक ने राज्य सरकारों से 25 मई तक सुझाव मांगे हैं.
12वीं और एंट्रेंस परीक्षा को लेकर हुई डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो ऑप्शन रखें गए. ऑप्शन-1 के तहतह केवल प्रमुख विषयों के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया. बोर्ड 12वीं के174 विषय में परीक्षा का आयोजन करता है, जिनमें से लगभग 20 विषय ऐसे है जो CBSE की ओर से महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय शामिल हैं. बाकी विषयों के लिए अगल तरीका जैसे आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessments) अपनाये जाने पर चर्चा हुई.
दूसरे ऑप्शन के तहत, जिसमें केवल 45 दिन लगेंगे, सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 12वीं के छात्र महत्वपूर्ण विषय की परीक्षा में अपने स्कूलों में बैठें (सेल्फ सेंटर) में दे सकते हैं. CBSE ने कहा, 12वीं की परीक्षाएं छात्रों के स्कूलों में ही आयोजित की जाती है तो 3 घंटे की बजाए परीक्षाएं 1.5 घंटे की हों. साथ ही स्कूल में ही कॉपियां चेक की जाएं. अगर ये दूसरे ऑप्शन के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया जाए तो प्रश्न पत्र में ऑब्जेक्टिव और शॉर्ट टर्म प्रश्न ही पूछे जाने चाहिए. वैकल्पिक विषयों में प्रदर्शन के आधार पर पांचवें और छठे विषयों के अंक तय किए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार, CBSE 12वीं की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इस बात की पूरी संभावना है कि इसे जुलाई के महीने में आयोजित किया जाए, जिसमें पिछले साल की तरह ही तमाम कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इसके फॉर्मेट और डेट्स के बारे में 1 जून को अपडेट देंगे. उसी दिन 12वीं CBSE परीक्षा की तारीखों का ऐलान भी हो सकता है.
वहीं जैसे ही ये मीटिंग खत्म हुआ तो ट्विटर पर #cancelboardexams ट्रेंड करने लगा और स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा को रद्द करने करने की मांग करने लगे. उधर, राज्य सरकारों से भी इस मुद्दे पर रियक्शन आने लगीं. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि कम-से-कम बोर्ड के लिए उपस्थित होने वाले सभी छात्रों को टीकाकरण करने से पहले परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी.
महाराष्ट्र ने भी ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने का विरोध किया है. महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने एक ट्वीट में लिखा- “सीबीएसई के साथ आज की बैठक में हमने चर्चा की कि छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. हम सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे कि पिछला साल छात्रों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा. कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और एक प्रत्याशित तीसरी लहर अभी बाकी है."