सेलेब्रिटीज़ की ओर से किए गए ट्वीट्स को लेकर राजनीति में नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. और इस सियासी खींचतान के पीछे का मामला दिल्ली के किसान आंदोलन से जुड़ा है. दरअसल, पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद केंद्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में दो हैशटैग (#IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda) का यूज किया गया था. इसी दो हैशटैग के साथ कई सेलेब्रिटी ने ट्वीट किए. इनमें से कई हस्तियों के ट्वीट हूबहू एक जैसे हैं या फिर एक जैसे शब्दों को अलग लाइन में इस्तेमाल किए गए. अब यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि ये कैसे हुआ और इसके पीछे की वजहें क्या हैं?
जिन सेलेब्रिटीज़ ने सरकार की ओर से जारी हैशटैग के साथ ट्वीट किया, उनको केंद्र सरकार के साथ खड़ा माना जा रहा है. इनमें अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, सायना नेहवाल, सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, अजय देवगन, विराट कोहली जैसी कई सेलेब्रिटीज़ शामिल हैं.
कांग्रेस नेता सचिन सांवत ने इन हस्तियों के ट्वीट्स दिखाते हुए तीन सवाल उठाए हैं. उनका पहला सवाल है कि इनमें से कई सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट एक जैसे हैं. ऐसा कैसे? सबूत के तौर पर अक्षय कुमार और सायना नेहवाल के ट्वीट एक दूसरे से हूबहू मिल रहा है.
उनका दूसरा सवाल है एक शब्द 'एमिकेबल' विराट कोहली, सुरेश रैना, अक्षय कुमार और अनिल कुंबले- सभी के ट्वीट में कॉमन था. ऐसा कैसे संभव है?
और उनका तीसरा सवाल है कि फ़िल्म अभिनेता सुनील शेट्टी ने अपने ट्वीट में बीजेपी के मुंबई प्रदेश के उपाध्यक्ष को टैग भी किया है. आख़िर क्यों और कैसे?
इन तीनों सवालों के आधार पर सचिन सावंत की माँग है कि इस बात की जाँच होनी चाहिए कि कहीं इन हस्तियों से ट्वीट किसी दवाब में तो नहीं कराए गए. एनसीपी नेता शरद पवार ने भी कहा कि अपना क्षेत्र छोड़ कर दूसरे के क्षेत्र में बात नहीं करनी चाहिए.
फिर बाद में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र पुलिस का इंटेलिजेंस विभाग सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट्स की जांच करेगा और पता करेगा कि क्या इस तरह के ट्वीट के लिए बीजेपी ने कोई दबाव डाला था.
वहीं इस मुद्दे पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने भी सितारों के ट्वीट्स करने को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार को लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को उसके रुख के समर्थन में ट्वीट करने के लिए नहीं कहना चाहिए था और उनकी प्रतिष्ठा को दाव पर नहीं लगाना चाहिए था. अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रॉलिंग का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को अपने अभियान के लिए अक्षय कुमार जैसे अभिनेताओं का इस्तेमाल ही सीमित रखाना चाहिए.