इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. फिलहाल जब तक इसकी वैक्सीन मार्केट में नहीं आ जाती लोगों को राहत नहीं मिलने वाला है. दुनिया भर के लोग इस इंतजार में है कि कोरोना की वैक्सीन जल्द से जल्द लॉन्च हो, उसकी कीमती कितनी हो इसकी जानकारी मिले, वो कितना कारगर हो सकता है? ये सारे सवाल लोगों के जहन में हैं. ऐसे में एक राहत की ख़बर रूस से आई है. रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मंगलवार 24 नवंबर को बयान जारी कर इसकी जानकारी दिया है.

इस वैक्सीन को गैमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मिलकर विकसित किया है. वहीं इसकी कीमत को लेकर बात करे तो इसकी एक डोज की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 डॉलर के करीब होने की बात कही जा रही. आपको बता दें कि रूस के नागरिकों के लिए बिल्कुल फ्री में उपलब्ध होगी. जबकि अन्य देश के नागरिकोँ को प्रति खुराक 10 डॉलर यानी भारतीय रुपये में 750 रुपये खर्च करना पड़ सकता है. एक इंसान को वैक्सीन के दो डोज की जरूरत होगी.

कोरोना को लेकर रूस के लिए ये बेहद कामयाबी एवं अंतराराष्ट्रीय ख्याति बढ़ाने वाला संकेत है कि उसने अब तक कोविड-19 की तीन वैक्सीन बनाने के प्रोसेस से गुजरा है. सबसे पहला वैक्सीन रूस ने अगस्त में बनाई जो Sputnik V थी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त 2020 को ऐलान किया था कि रूस ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है. इसके बाद पूरी दुनिया के एक्सपर्ट्स आश्चर्य में पड़ गए थे.

मिली जानकारी के मुताबिक वैक्सीन के दो ट्रायल इसी साल जून-जुलाई में पूरे किए गए थे. जिसमें 76 प्रतिभागी शामिल थे और जब इसके परिणाम आये वो सुकून भरा रहा. क्योंकि इसमें 100 फीसदी एंटीबॉडी विकसित हुई थी. इसके बाद 14 अक्टूबर को दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना आई और हाल ही में रूस ने कोरोना की तीसरी वैक्सीन बनाने का दावा किया.रूस की तीसरी वैक्सीन चुमाकोव सेंटर ऑफ रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में बनाई जा रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को दिसंबर 2020 तक मंजूरी मिलने की संभावना है.

वैक्सीन निर्माताओं की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस वैक्सीन की पहली अंतर्राष्ट्रीय डिलीवरी जनवरी 2021 में विदेशी निर्माताओं के साथ मौजूदा साझेदारी के आधार पर ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी। दूसरी ओर, क्लिीनिकल ट्रायल के दूसरे अंतरिम विश्लेषण के अनुसार स्पुतनिक वी की पहली खुराक के 28 दिनों के बाद परिणाम 91.4 फीसदी प्रभावी थी. आईडीआईएफ के सीईओ किरील दिमित्रीव ने कहा कि बेलारूस, ब्राजील, यूएई और भारत में वैक्सीन के क्लीनिकिल ट्रायल चल रहे हैं और परिणाम विभिन्न देशों के लिए उपलब्ध होंगे.

आपको बता दें कि भारत में वैक्सीन के परीक्षण और डिस्ट्रीबूयसन के लिए रूसी एजेंसी ने हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी के साथ साझेदारी की है. यह वैक्सीन दो रूपों में उपलब्ध होगा. पहला लिक्विड रुप में और दूसरा लिनोफाइन्ड (फ्रीज) के रूप में. लिक्विड रुप को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित किया जा सकता है. वहीं लियोफिनेटेड रूप को संग्रहीत करने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस की जरूरत होगी.

Discus