Cowin App for Covid 19 Vaccination Registration

को-विन(CO-WIN) एप भारत में कोरोना टीकाकरण के लिए एक मैनेजमेंट सिस्टम है जो क्लाउड तकनीक पर आधारित है. इस ऐप को वैक्सीन लगवाने के लिए भारत सरकार ने डेवलप किया है. आपको बता दें कि कोविड-19 का टीका लगाने के लिए ऐप पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. अब आपके मन में को-विन को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे, मसलन आखिर यह ऐप क्या है, कैसे काम करता है और इसके जरिए टीका लगाने के लिए किन-किन प्रकियाओं का पालन करना होगा.

आप इसे यूं समझे कि इस ऐप पर वैक्सीन से संबंधित पूरा डेटाबेस होगा. इस ऐप के जरिये वैक्सीनेशन प्रोसेस की पूरी ट्रैकिंग होगी. मसलन वैक्सीनेशन सेंटर से लेकर वैक्सीन लेने वाले लोगों की पूरी लिस्ट रहेगी. यानी भारत में लगाए जाने वाले टीकों का पूरा लेखा-जोखा इसमें उपलब्ध रहेगा.

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यदि आप भी कोरोना का टीका लेना चाहते हैं तो आपको CO-WIN एप से ही अप्लाई करना होगा. कोविन एप से आप मालूम कर सकेंगे कि किसे, कब और कहां टीका दिया गया. यह एक ऑनलाइन वेबसाइट के साथ मोबाइल एप के रूप में जनता के लिए उपलब्ध होगा.

क्या है Co-WIN एप पर रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस?

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक Co-WIN एप में पांच मॉड्यूल हैं जिनमें प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल शामिल हैं. इनमें प्रशासनिक मॉड्यूल उन लोगों के लिए है जो टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन करेंगे. इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिल जाएगी. रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे. वैक्सीनेशन मॉड्यूल उन लोगों की जानकारियां को वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेशन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा.

वहीं लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे. साथ ही इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-प्रमाणपत्र मिल जाएगा. जबकि रिपोर्ट मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी. जैसे टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा. कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया.

कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया

रजिस्‍ट्रेशन करने के लिए एक फॉर्म रहेगा जिसमें नाम, पता, उम्र, मेडिकल हिस्‍ट्री जैसी जानकारियां भरनी होगी. सारा डेटा फीड करने के बाद आपको एक फोटो पहचान-पत्र का चुनाव करना होगा जिसे वेरिफिकेशन के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा. जब आप टीकाकरण केंद्र पर जाएंगे तो डोज देने से पहले इसी आईडी से मिलान होगा. फॉर्म सबमिट करने पर आपके रजिस्‍टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS पहुंच जाएगा. फिर आपको टीकाकरण शेड्यूल का SMS आने का इंतजार करना होगा.

सरकार वैक्‍सीन की उपलब्‍धता और प्रॉयरिटी लिस्‍ट में आपकी पोजिशन के आधार पर टीकाकरण का शेड्यूल बनाएगी. आपके मोबाइल पर SMS भेजकर बताया जाएगा कि टीका कहां और कब लगेगा. तय वक्‍त पर आपको वैक्‍सीनेशन सेंटर पहुंच कर अपनी बारी का इंतजार करना होगा.

ध्यान रखे आप अपना वही फोटो आईडी प्रूफ ले जाये जो रजिस्‍ट्रेशन के वक्‍त दिया था क्‍योंकि बिना आईडी वेरिफिकेशन टीका नहीं लगेगा. सरकार के अनुसार, फोटो आईडी इसलिए अनिवार्य किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टीका सही व्‍यक्ति को लगा है.

तीन चरण में होगा टीकाकरण

भारत में कोरोना टीकाकरण का काम शुरुआती तौर पर तीन चरणों में होगा. इसमें चरणवार ढंग से लोगों को टीका लगाया जाएगा. पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को और दूसरे चरण में आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. राज्य सरकारों को इन लोगों का डाटा इकट्ठा करने का जिम्मा मिला है. वहीं तीसरे चरण में उन लोगों को टीका लगेगा जो किसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. गर्भवती महिलाओं और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका नहीं लगाया जाएगा.

इस एप्लिकेशन का प्रभावी रूप से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इनोक्यूलेशन ड्राइव लागू करने के लिए उपयोग किया जाएगा. को-विन एप टीकारण मॉड्यूल लाभार्थी के विवरण को वेरिफाइड और टीकाकरण की स्थिति को अपडेट करेगा. इससे देश के कोने-कोने में वैक्सीन पहुंचाने में मदद मिलेगी.

फिलहाल कोविन ऐप पर हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटा अपलोड हो रहा है. इस समय सेल्फ रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लेकिन पहले फेज के बाद कोई भी व्यक्ति कोविन पर सेल्प रजिस्ट्रेशन कर सकेगा. जैसे ही ये आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा स्वास्थ्य मंत्रालय ऑफिशियल नोटिफिकेशन के जरिये लोगों को सूचित करेगी. तब तक लोग किसी भी नकली को-विन ऐप के इस्तेमाल से बचें.

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