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इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी(इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) रूल्स, 2021 में ’कोड ऑफ एथिक्स एंड प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स इन रिलेशन टू डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया’ भी शामिल हैं. इसमें काम की बात ये हैं कि आनलाइन न्यूज और करंट अफेयर्स पब्लिशर्स या ऐसे किसी प्लेटफॉर्म को कोड आफ एथिक्स यानी नैतिकता के एक कोड का पालन करना होगा. 

दो टूक शब्दों में कहे तो अब डिजिटल मीडिया पर सेल्फ रेगुलेटिंग बॉडी नजर रखेगी कि इन प्लेटफॉर्म्स पर किस तरह की खबरें चलाई जा रही हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऐसी सेल्फ रेगुलेशन बॉडी के साथ मिलकर काम करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि कोड आफ एथिक्स का सही से पालन हो. 

एप्लीकेबल एंटिटी या सेल्फ रेगुलेटिंग बॉडी ऐसे किसी कंटेंट को संचारित, प्रकाशित या प्रसारित नहीं करेगी जो किसी भी कानून के तहत आपत्त्जिनक हों. जो भी सामग्री प्रकाशित की जा रही है, उसे भारत की संप्रभुता और अखंडता को ध्यान में रखकर देखना होगा. आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने इस संबंध में 25 फरवरी को जारी की थी और 3 महीने का समय दिया था जिसकी डेडलाइन 25 मई तक थी. लेकिन अभी तक सरकार को इसके संबंध में डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से कोई जवाब नहीं मिला है.

बहरहाल, इसको लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त नजर आ रही है और ऑनलाइन न्यूज पब्लिश करने वाले अखबारों, टीवी चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जानकारी मांगी है. इस बाबत सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि नियम लागू के 15 दिन के भीतर संबंधित मांगी गई सूचनाएं सरकार के साथ शेयर करें.

एक सरकारी बयान के अनुसार डिजिटल मीडिया पर खबरों के प्रकाशकों को भारतीय प्रेस परिषद की पत्रकारीय नियमावली तथा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियामकीय अधिनियम की कार्यक्रम संहिता का पालन करना होगा, जिससे ऑफलाइन (प्रिंट, टीवी) और डिजिटल मीडिया के बीच समान अवसर उपलब्ध हो. इसको लेकर सरकार ने 3 कैटेगरी बनाई हैं. 

पहली कैटेगरी में अखबार या टीवी के लिए है जो डिजिटल मीडिया पर भी खबर प्रकाशित करते हैं वहीं दूसरी कैटेगरी उनकी है जो सिर्फ डिजिटल रूप से खबरों को प्रकाशित करते हैं. वहीं तीसरी कैटेगरी के की बात करें तो इसमें ओटीटी प्लेटफार्म्स शामिल हैं.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहली कैटेगरी के प्रकाशकों से यूआरएल, भाषा, ऐप, सोशल मीडिया अकाउंट, टीवी चैनल संचालित करने संबंधी अनुमति और या भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक द्वारा जारी नंबर (RNI Number), कॉन्टैक्ट सूचना और शिकायत निवारण के सिस्टम के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. 

वहीं दूसरी कैटेगरी में भी पहली कैटेगरी जैसी ही जानकारियां देने को कही गई है लेकिन इसमें CIN यानी कंपनी आइडेंटिफिकेशन नंबर की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि अगर संबंधित जानकारी दे रही संस्था कंपनी है तो वह निदेशक मंडल की भी जानकारी दे.

तीसरी कैटेगरी में ओटीटी प्लेटफार्म्स को रखा गया है. इसमें भी नाम पता, यूआरएल, ऐप समेत अन्य जानकारी मांगी गई है. ओटीटी को भी शिकायत निवारण व्यवस्था के बारे में जानकारी देनी होगी जिसमें कंटेट मैनेजर का नाम भी बताना होगा. वहीं अगर ओटीटी प्लेटफार्म विदेशी है तो उन्हें देश की जानकारी देने के साथ-साथ ये भी बताना होगा कि उन्होंने किस दिन से भारत में काम शुरू किया. 

Furnishing of Information b... by राहुल सांकृत्यायन


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