नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इंडिया अचीवर्स अवार्ड कार्यक्रम में मेडिकल क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए डॉ. दीपक शौकीन को सम्मानित किया गया. अपने माता-पिता को अपनी ताकत मानने वाली दीपक आत्मविश्वास और भगवान में आस्था को अपनी सबसे बड़ी पूंजी मानते हैं. जब रिफ्लेक्शन लाइव की टीम ने उनसे उनकी कमजोरी के बारे में पूछा जाता है, तो वे बेबाकी से बोले,'मुझे गलत चीज पर गुस्सा बहुत जल्दी आता है.' पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का एक वाक्य, 'सपने वो नहीं होते, जो सोते समय आते हैं, सपने तो वो होते हैं, जो आपको सोने ही नहीं देते को सफलता का मूल मंत्र मनाते है.'
दीपक शौकीन गुड़गांव के सिविल हॉस्पिटल में कार्यरत है. उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान दिन-रात एक करके कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज किया और हजारों जिंदगियां बचाई. हमारी टीम ने डॉ. दीपक से कोरोना काल के अनुभव के बार में भी पूछा तो वे इसपर बोले कि जब मेरा मरीज़ों के सीधे संपर्क में आना शुरू हुआ तब मेरे दिमाग में कई निचार घूम रहे थे.
मसलन ये खयाल आता कि मैं और मेरी टीम इससे संक्रमित हो सकते हैं. मेरे वार्ड में पहले मरीज़ के दाख़िल होने के पहले मैंने अपनी टीम को पास बुलाया और बताया कि हमें अपना ख्याल भी रखना है और अपने मरीज़ों का भी. जब मरीज़ों की हालत में सुधार हुए. उनकी ज़िंदगी खतरे से बाहर हुई तब दिल को सुकून मिला. ऐसा करके हम करोना के खिलाफ ज़िंदगी की जंग जीतने में कामयाब रहे.
भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री विजय गोयल की मौजूदगी में हुए इस प्रोग्राम को मीडिया हाउस ने राजनीति की पाठशाला एवं स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के एसोसियशन में आयोजित किया था. विजय गोयल के अलावा इस अवार्ड सेरेमनी के अवसर पर पूर्व सांसद नवल किशोर राय, पूर्व सांसद सूरज मंडल, भारत सरकार में सह-आयुक्त आयकार विभाग श्रीमती अमन प्रीत पासी जी (IRS), राजनीति की पाठशाला के संरक्षक निजामुद्दीन खान, राजनीति की पाठशाला के संस्थापक श्रा अजय पाण्डेय, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के सचिव श्री रोहित पाण्डेय जी भी मौजूद थे.