Dr Deepak Shokeen

समाज सेवी डॉ दीपक शोकीन के तत्वाधान में सोमवार 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) के अवसर पर गुरुग्राम स्थित मेंदाता हॉस्पिटल में 40 यूनिट रक्त डोनेट किया गया है. डॉ शोकीन ने बताया कि कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की मदद के लिए ब्लड डोनेशन किया गया. इसमें सुनिल, निखिल, मनोज, जॉनी आदि का सहयोग रहा. एकत्र ब्लड पीड़ितों को जरूरत के दौरान काम आएगा। लगभग सौ यूनिट से अधिक रक्त एकत्रित करने का लक्ष्य रखा और इतना ही रक्त जरूरतमंदों के लिए एकत्रित गया.

विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day)

23 मई‚ 2005 को 58 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में सदस्य देश हर साल 14 जून को इस दिवस को मनाने के लिए सहमत हुए थे. पहली बार यह दिवस 14 जून‚ 2004 को मनाया गया गया था. यह दिवस ‘A’‚ ‘B’ और ‘O’ ब्लड ग्रुप की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टीनर के सम्मान में मनाया जाता है. इस डे का उद्देश्य सेफ ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स की आवश्यकता के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है. वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय (Global health community) इस दिन आम जनता को स्वैच्छिक कार्यकर्ता, अनपेड रक्त दाताओं द्वारा उनकी संबंधित स्वास्थ्य प्रणालियों में किए गए महत्वपूर्ण योगदान को लेकर एकसाथ आता है.

यह दिवस स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है, सुरक्षित रक्त एवं रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने एवं रक्तदाताओें को उनके रक्तदान हेतु धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है. WHO ने दुनिया भर में ब्लड डोनर्स के योगदान के लिए एक स्लोगन निकाला है 'Give blood and keep the world beating'(रक्त दो और दुनिया को हराते रहो). WHO का कहना है कि रक्तदान एक नेक काम है और इससे कई जानें बचाई जा सकती हैं.

रक्दान को महादान यूं ही नहीं कहा जाता. आपका खून किसी का भी जीवन बचा सकता है. समाज सेवा के काम में निरंतर सक्रिय डॉ दीपक शोकीन की टीम ने समय-समय पर ब्लड देकर कई गरीब एवं बेसहारों को नई जिंदगी देकर मानवता की मिसाइल कायम की है. किसी भी समाज के जरूरतमंद को रक्त की जरूरत पड़ती है तो टीम के सदस्य पूरे जोश के साथ रक्तदान करने के लिए संबंधित अस्पताल में पहुंच जाते हैं. 

हम सभी इस तथ्य से वाकिफ हैं कि रक्तदान के अभाव में मरीजों की रक्त संबंधी जरूरतें समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है. परोपकार की भावना एवं मानवीय ज़िंदगी को बचाने की मुहिम को गति देने के लिए उनकी ये मुहिम समाज में नजीर बन रहा है.

आपको बता दें कि सामाजिक सेवा के कार्यों में फ्रंट लाइन में रहने वाले डॉ शोकीन ने कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों को खाने एवं जीवन रक्षक दवा पहुंचाने का काम किया है. गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है. कोरोना की दूसरी लहर तो और जानलेवा है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लागू है. हरियाणा भी उनमें से एक है. ऐसे में वहां के रहने वाले लोगों को खाने-पीने की दिक्कत हो रही है. डॉ शोकीन ने आगे कहा कि हम इस प्रयास में जुटे हैं कि रक्त के अभाव में किसी की मौत न होने पाए.

Published by: Jawahar Lal Nehru

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