शौर्य और साहस के प्रतिमूर्ति गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ. इस बार यह तिथि आज यानी बुधवार 20 जनवरी को पड़ी है. उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. खालसा पन्थ की स्थापना करने वाले सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक गुरु थे. उन्होंने गुरु ग्रन्थ साहिब को पूर्ण कर उन्हें गुरु के रूप में सुशोभित किया. उन्होंने संसार को मानवता, प्रेम, एकता, शांति और समानता को अपने जीवन में उतारने की शिक्षा दी.
आइये गुरु गोबिंद सिंह के जयंती पर जीवन को तरक्की की रास्ते पर ले जाने वाले उनके 10 प्रेरणादायक विचारों को जानते हैं.
1. हमें कभी भी किसी की चुगली व निंदा करने से बचना चाहिए और किसी से ईर्ष्या करने की बजाय हमें मेहनत करना चाहिए.
2. हमे सबसे महान सुख और स्थायी शांति तभी प्राप्त हो सकती है जब हम अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देते है. स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है.
3. हम सभी को उस परमपिता परमेश्वर ने जन्म इसलिए दिया है की ताकि हम सभी इस संसार से अच्छे कर्म करते हुए बुराई को दूर कर सके.
4. जो लोग सच्चाई के मार्ग का अनुसरण करते है और लोगो के प्रति दया का भाव रखते है ऐसे लोगो के प्रति ही लोग करुणा और प्रेम का भाव रखते है.
5. अपने वादों को पूरा करें. अगर आपने किसी को वचन दिया है तो उसे हर कीमत में निभाना चाहिए.
6. अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं.
7. काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें.
8. अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें.
9. अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे.
10. इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है. जब आप अपने अंदर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी.
गुरु गोबिंद सिंह द्वारा दिए गए इन विचारों को हम यदि अपने जीवन में आत्मसात कर सके तो तरक्की की नई मुकाम हासिल कर पाएंगे. हम जिस खालसा वाणी 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरू जी की फतह' को सुनते हैं. ये गुरु गोबिंद सिंह ने ही दिया था. उनकी कही ये पंक्तियाँ आज भी जोश और उर्जा का संचार करती हैं-
सवा लाख से एक लड़ाऊं,
चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं,
तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं ||