गुरुवार जनवरी 21 को बीएसई सेंसेक्स(BSE Sensex) ने पहली दफा 50,000 का स्तर पार किया. 30 शेयर वाले सेंसेक्स ने अब तक लंबा सफर तय किया है. साल 2021 के आम बजट से ठीक पहले सेंसेक्स ने ऊंचाई का नया कीर्तिमान बनाया है. चलिये जानते है सेंसेक्स ने कैसे ये सफर पूरा किया:
सेंसेक्स की शुरुआत साल 1986 में हुई थी. यह देश का सबसे पुराना इंडेक्स है. इस इंडेक्स पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के टॉप-30 शेयर शामिल होते हैं. हालांकि, इस इंडेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है, जब इसकी बेस वैल्यू 100 मानी गई थी. 'सेंसेक्स' नामकरण के पीछे भी एक दिलचस्प वाकया जुड़ा हुआ है. स्टॉक मार्केट एनालिस्ट एवं जर्नलिस्ट दीपक मोहोनी ने अंग्रेजी के दो शब्दों 'सेंस्टिविटी' और 'इंडेक्स' को जोड़कर 'सेंसेक्स' नाम बनाया था.
अपनी शुरुआत के करीब 11 साल बाद वर्ष1990 में सेंसेक्स ने पहली दफा 1,000 के स्तर को छूआ. उस समय बढ़िया मानसून और कंपनियों के अच्छे नतीजों से बाजार में अच्छी तेजी आई थी. 10 गुना यानी 5 हजारी होने में सेंसेक्स को 10 साल से अधिक समय लगा. इसने 30 दिसंबर 1999 को 5,000 के लेवल को छूआ. हालांकि, सेंसेक्स मार्च 1992 में 4,000 तक पहुंच गया था. परंतु हर्षद मेहता स्कैम के बाद शेयर बाजार में कोहराम मच गया और वो 2,000 अंक टूट गया.
साल 2006 में यह प्रमुख सूचकांक 10 हजारी हो गया. सेंसेक्स ने 27 साल के लंबे सफर के बाद अपनी वैल्यू को 100 गुना बढ़ाते हुए 10,000 के स्तर पर पहुंचा. उस समय मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे. 29 अक्टूबर 2007 को सेंसेक्स ने पहली बार 20,000 का स्तर पार किया. 10,000 से 20,000 तक जाने में सिर्फ 18 महीने लगे. 20,000 तक पहुंचने के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. साल 2008 की आर्थिक मंदी में सेंसेक्स 8,000 के स्तर से नीचे तक फिसला. अक्टूबर 2008 में सेंसेक्स 7,700 के स्तर तक आ गया था, जिसने बाजार को कई साल पीछे लुढ़का दिया था.
फिर उसके बाद बीएसई सेंसेक्स ने साल 2008-09 के निचले स्तरों से उठते हुए 16 मई 2014 को पहली दफा 25,000 का स्तर पार किया था. उस समय नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी. एक साल से भी कम समय में 30,000 का स्तर पार किया. इंडेक्स 4 मार्च 2015 के 30,000 तक पहुंचा. उस समय केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट रेट में कटौती की थी. 23 मई 2019 को सेंसेक्स ने पहली दफा 40,000 का आंकड़ा पार किया.
कोरोना महामारी से पहले सेंसेक्स ने सोमवार 20 जनवरी 2020 को नई ऊंचाई 42,273.87 के स्तर को छू लिया. फिर बीते कुछ समय से आर्थिक ग्रोथ की रफ्तारी ढीली पड़ने और वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से शेयर बाज़ार धराशायी हो गया. सेंसेक्स 23 मार्च 2020 को 26,273 के निचले स्तर तक फिसला, फिर वहां से इंडेक्स ने महज 10 महीने में ही 95 फीसदी की छलांग लगाकर 50 हजारी बन गया है. जो अपने बेस ईयर यानी 1979 से 500 गुना बढ़ चुका है.
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