जम्मू-कश्मीर में डीडीसी(डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल) चुनाव के नतीजे आखिरी चरण में हैं. अब 280 में से 278 के रुझान सामने हैं. अबतक गुपकार गुट कुल 112 सीटों पर आगे है. बीजेपी कुल 74 सीटों पर लीड लिए है. कांग्रेस 27 सीटों पर बढ़त बनाए है. अपनी पार्टी 13 सीटों पर आगे है. अगर निर्दलीय उम्मीदवारों की बात करें तो वे 52 सीटों पर आगे हैं. इसी के साथ जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव में गुपकार सबसे बड़ा गठबंधन बना है, जबकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव हुए है.
डीडीसी क्या है?
केंद्र सरकार ने राज्य में थ्री टीयर पंचायती राज व्यवस्था लागू करने के लिए राज्य के पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया, जिसके बाद जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषदों का गठन हुआ. सीधे शब्दों में कहा जाए तो स्थानीय स्तर पर विकास का सारा काम अब डीडीसी यानी जिला विकास परिषद करेंगी. इन जिला विकास परिषदों की स्थापना हर जिले में की हुई. हर एक जिला विकास परिषद में 14 सदस्य की मंजुरी मिली जिसमें एससी, एसटी व महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होने की व्यवस्था तय हुई. इस परिषद के सदस्य अपने चेयरमैन का चुनाव करेंगे. जम्मू कश्मीर में 20 डीडीसी हैं जिनमें से 10 जम्मू में और 10 कश्मीर में हैं. हर डीडीसी में 14 निर्वाचन क्षेत्र हैं.
क्या है गुपकार गुट?
जम्मू-कश्मीर में नगर विकास परिषद के चुनाव को लेकर पीपल्ज़ अलायंस फ़ॉर गुपकार डेक्लरेशन का गठन हुआ. इसमें नेशनल कॉन्फ़्रेन्स, पीडीपी यानी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और 7 क्षेत्रीय पार्टियां शामिल है. गुपकार में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, सीपीआई (एम) पीपल्स यूनाइटेड फ्रंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हिस्सा लिया. नेशनल कॉन्फ़्रेन्स के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ग्रुपकार गठबंधन के चेयरपर्सन हैं.
दरअसल गुपकार गुट की सियासी गलियारों में चर्चा अगस्त महीने में सामने आई. जब कश्मीर में कई दलों ने साथ आकर इसमें शामिल होने की घोषणा की थी. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला का आवास श्रीनगर में 01, गुपकार रोड पर है. यहीं पर 4 अगस्त 2019 को 08 दलों ने एक साथ बैठक की थी.इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के इन 08 दलों ने साथ मिलकर केंद्र सरकार की राज्य की नीतियों के खिलाफ नया गठबंधन बनाने की घोषणा की.
तब तक केंद्र सरकार ने राज्य से आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए की वापसी पर कदम तो नहीं उठाया था लेकिन राज्य में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई थी. सभी पर्यटकों को तुरंत राज्य छोड़ने के लिए कहा गया था. ऐसे ये दल साथ मिले थे. इसके एक साल बाद ये दल फिर फारुक अब्दुल्ला के निवास पर मिले और गठबंधन बनाने की घोषणा की.
गुपकार घोषणा में क्या कहा गया है?
गुपकार घोषणा में आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए की वापसी की बात की गई है. साथ ही जम्मू-कश्मीर के संविधान और इसके राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग की गई है. इस घोषणा में केंद्र सरकार से की गई इन मांगों के साथ कहा गया, हम राज्य की पुरानी स्थिति के बहाल होने तक लड़ाई लड़ते रहेंगे. हमें राज्य के बंटवारा बिल्कुल नामंजूर है. हम सर्वसम्मति से यह दोहराते हैं कि हमारी एकता के बिना हमारा कुछ नहीं हो सकता.
इस गठबंधन के दलों ने तब एक घोषणा पेश की जिसमें बताया कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले असंवैधानिक है और जम्मू-कश्मीर को अधिकारों से वंचित करता है. साथ ही वहां के लोगों की मूल पहचान को खत्म करने जैसा है. फिर एक संयुक्त बयान में कहा, 'हम लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी सभी सियासी गतिविधियां 4 अगस्त, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के प्राप्त दर्जे की वापसी की ओर होंगी.'
वर्तमान चुनावी नतीजों पर किसने क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'अब अगर भाजपा और उसकी 'प्रॉक्सी' राजनीतिक पार्टी लोकतंत्र में विश्वास करती है, जैसा कि उन्होंने कहा है, तो उन्हें तुरंत अपने फैसला वापस लेना चाहिए और इस क्षेत्र के लोगों के फैसले का सम्मान करना चाहिए.' नेकां नेता ने कहा कि भाजपा ने डीडीसी चुनावों में प्रचार के लिए कई केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं को यहां भेजा था. उन्होंने कहा, 'भाजपा ने इन चुनावों को 2019 की अपनी नीति के लिए जनमत संग्रह में बदल दिया. मुझे उम्मीद है कि वे लोगों की इच्छा को समझ गए होंगे.'
वहीं बीजेपी के नेताओं ने कहा कि चुनाव नतीजें आर्टिकल 370 पर रेफरेंडम नहीं है. डीडीसी चुनाव नतीजों में बीजेपी जम्मू क्षेत्र में अच्छा परफॉर्म कर रही है, लेकिन कश्मीर रीजन में पार्टी का परफॉर्मेंस उतना अच्छा नहीं है. बता दें कि बीजेपी ने कश्मीर में पहली बार 3 सीटें जीती हैं. इस चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी और स्थानीय चुनाव होने के बावजूद पार्टी के दिग्गज नेताओं की फौज उतार दी.