File Photo: Author Kavita Singh

किसी गांव में एक किसान रहते थे, उनके तीन बेटे और एक बेटी थी !

उनके दो बेटे तो पढ़ने में बहुत अच्छा था, बड़ा वाला और छोटा वाला पर जो बीच वाला लड़का था वह पढ़ाई में कमजोर था....

बीच वाला लड़का पढ़ाई में भी कमजोर था और एक नंबर का आलसी था मां-बाप किसी भी काम के लिए कहते तो कोई ना कोई बहाना बना लेता था....इसलिए घर में सभी उससे परेशान रहते थे!

देखते- देखते दोनों भाइयों की पढ़ाई पूरी हुई और दोनों की अच्छी नौकरी लग गई बड़ा वाला डॉक्टर बन गया और छोटा बेटा पुलिस डिपार्टमेंट में अच्छे पोस्ट पर चला गया....अब तो बीच वाला बेचारा और डांट सुनते रहता था मां से बहनों क्योंकि ना वह पढ़ा लिखा था और ना ही घर का कोई काम करता था!

दोनों भाइयों के लिए अच्छे रिश्ते आने लग गए बड़े वाले छोटे वाले के लिए कुछ दिन तक तो पिताजी टाल देते थे यह बोलकर कि जब तक बीच वाले बेटे की शादी नहीं हो जाती तब छोटे बेटे की कैसे कर दूंगा मैं ?

पर जब बीच वाले के लिए कोई रिश्ता नहीं आया तब पिताजी हार कर बड़े वाले और छोटे वाले की शादी कर दिए क्योंकि अब उनकी तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी वह चाहते थे मेरे सामने ही सारे बच्चों की शादी हो जाए !

अब घर में शादी करने के लिए रह गए बीच वाला बेटा और लड़की बहुत कोशिश करने के बाद भी बीच वाले लड़के से कोई भी अपनी लड़की की शादी करने के लिए तैयार नहीं हो रहा था पर बेटी के लिए अच्छा रिश्ता मिल गया उन्होंने बेटी की भी शादी करवा कर अपने घर भेज दिए !

अब घर में रह गए थे मां पिताजी और वह बीच वाला अनपढ़ बेटा मां-बाप दोनों बहुत परेशान रहते थे बेटे के लिए, कि किसी तरह की शादी हो जाए आखिरकार उसका रिश्ता उसकी बुआ की ससुराल में हो गई बहुत ही समझदार लड़की से शादी हुई !

रक्षाबंधन आने वाला था तीनो भाई बहुत खुश हो रहे थे कि ससुराल से बहन राखी बांधने आएगी रक्षाबंधन वाले दिन बहन आई छोटा भाई और बड़ा भाई दोनों घर पर ही बैठकर बहन का इंतजार कर रहा था पर बीच वाला अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने निकल गया था !

"भाभी भैया कब तक आएंगे ?इन दोनों को तो मैंने राखी बांध दी और मेरी सांस की तबीयत खराब है ,इसलिए मैं जल्दी ही घर वापस जाऊंगी और वैसे भी वो निकम्मा मुझे क्या देगा कमाता तो है नहीं जो मैं उसके लिए इंतजार करूं बहन अपनी भाभी से बोली भाभी बेचारी रोते हुए वहां से चली गई !!

"रंजना मेरी बहन आई थी क्या? आने के साथ ही बीच वाला भाई अपनी पत्नी से पूछा!

"हां जी आई थी और चली भी गई "मुझे दुनिया भर के ताने सुनने पड़ते हैं आपकी वजह से उसकी पत्नी बोली! भाई को भी बहुत ज्यादा दुख हुआ जानकर बहन आई थी और चली गई !!

उस दिन से वह बीच वाला लड़का दिन रात मेहनत करने लगता है दोस्त भी बुलाने आते थे तो उनसे साफ-साफ बोल देता था पहले मैं अकेला था, लेकिन अब पत्नी की भी जिम्मेदारी है मैं तुम्हारे साथ बाहर नहीं जा सकता......

एक दिन पिताजी बीमार पड़े बहुत इलाज करवाया गया 8 दिन तक बिस्तर पर पड़े रहे फिर दुनिया से चले गए पिताजी के दुनिया से जाने के बाद ही दोनों बेटा बड़ा वाला और छोटा वाला घर और खेत के बंटवारे की बात करने लग गया !

मां बेचारी समझा-समझा कर थक गईं. अभी तो पिताजी की मृत्यु हुई है अभी तुम लोग बंटवारे के लिए लड़ रहे हो पर दोनों में से किसी ने भी मां की बात नहीं माना बीच वाला भाई बाहर गया हुआ था काम से उसे भी बुला लिया गया बहन को भी बुला लिया गया !

सारे लोग बैठक में बैठकर वकील साहब के आने का इंतजार कर रहे थे इतने में ही वकील साहब उधर से आ गए !

वकील साहब ने सबसे पहले बीच वाले बेटे से ही पूछा .........

"अच्छा तुम यह बताओ "तुम्हारे पिताजी के 10 बीघा जमीन है

इसके बटवारा कैसे होना चाहिए ?

"वकील साहब मेरे दोनों भाइयों को 5-5 बीघा जमीन दे दिया जाए और ए जो घर है वह बहन को दे दीजिए !

"अरे बेवकूफ फिर तेरे पास क्या रह जाएगा ??वकील साहब गुस्से में उससे पूछने लगे !

"मेरे पास दुनिया की अनमोल वसीयत रह जाए जी वकील साहब !और वह है मेरी मां जिन्होंने बचपन से मुझे पाल- पोस कर बड़ा किया क्यों धर्मपत्नी जी मैं सही बोल रहा हूं ना ??

अपनी पत्नी की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला !

उसकी पत्नी अपनी सासू मां से लिपट कर रोने लगी और बोली बिल्कुल सही बोले आप मां से बढ़कर कोई दूसरा वसीयत है ही नहीं दुनिया में मुझे बस यही चाहिए !

अब तो बड़े वाले और छोटे वाले दोनों बेटे जो बहुत पढ़े- लिखे थे बहुत ज्यादा शर्मिंदा हुए और अपने अनपढ़ भाई से लिपट कर रोने लगे अपनी गलतियों के लिए भाई से माफी भी मांगा !

कहानी का सार -सिर्फ सिर्फ पढ़ -लिख लेने से इंसान बड़ा नहीं बन जाता दिलों में करुणा और इंसानियत भी जरूरी है !

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