File Photo: Author Kavita Singh

"रामेश्वर तुम बहुत दिनों बाद दिखाई दे रहे हो" रामप्रसाद जी बोले!

" हां यार दरअसल बिटिया की एडमिशन "मेडिकल कॉलेज"में हो गया है, इसलिए घर पर पूजा है आज पूजा का सामान लेने बाजार आया हूं....तुम भी आ जाना भाभी जी को लेकर रामेश्वर जी अपने दोस्त रामप्रसाद से बोले,

घर जाकर रामप्रसाद जी अपनी पत्नी और बेटा राहुल से कल सुबह पूजा में आने के लिए कहना. रामप्रसाद ने रामेश्वर के कहे मुताबिक अपनी पत्नी और बेटा को ये बातें बता दीं. दोनों तैयार हो गए उनके घर पूजा में जाने के लिए......

सुबह नहा-धोकर तैयार होकर रामप्रसाद जी और उनकी फैमिली पूजा में जाने के लिए घर से निकल पड़े, उधर रामप्रसाद जी के यहां पूजा की बहुत सारी तैयारियां चल रही थी.. बहुत सारे मेहमान आए हुए थे रामेश्वर जी और उनके परिवार भी सही समय से पहुंच गए!

जब पूजा- पाठ संपन्न हुआ दोनों परिवार एक साथ बैठे थे बाकी सारे लोग अब तक जा चुके थे,बातचीत के दौरान रामप्रसाद जी अपने दोस्त रामेश्वर जी से बोलने लगे यार क्यों नहीं दोस्ती हम रिश्तेदारी में बदल दें, मेरा बेटा भी अच्छी जगह नौकरी कर रहा है तुम्हारी बेटी का एडमिशन भी मेडिकल में हो गया अभी दोनों बच्चों की उम्र ही क्या है बिटिया की पढ़ाई पूरी होने देते हैं फिर कर देंगे शादी इन दोनों की!

"अभी काफी समय है यार ,समय आने पर देखेंगे"रामेश्वर से मुस्कुराते हुए बोले!

धीरे-धीरे समय व्यतीत होने पर सलोनी की पढ़ाई पूरी हो गई

. अब फिर से वही बातें होने लगी कि राहुल और सलोनी की शादी करवा देते हैं, रही बात एमडी करने की तो एमडी तो शादी के बाद भी करती रहेगी!

राहुल का दिल नहीं मान रहा था सलोनी से शादी करने के लिए क्योंकि सलोनी का रंग काफी सांबला था, पर अपने पिता के सामने बोलने की उसकी हिम्मत नहीं हुई और उन दोनों की शादी धूमधाम से करवा दी गई!

6 महीने तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला उसके बाद राहुल और उसकी मां.... राहुल और सलोनी की शादी तोड़ने के लिए अलग-अलग उपाय सोचने लगे सलोनी की हर छोटी-छोटी गलतियों को बढ़ाकर उसके परिवार वालों को बताने लगे!

पर तब तक कहानी कुछ और बन चुकी थी राहुल अपने ऑफिस में ही एक लड़की से प्यार करने लगा था जो देखने में बेहद खूबसूरत थी राहुल तो उसकी खूबसूरती पर फिदा रहता था!

एक दिन चुपके से वह दोनों कोर्ट में जाकर शादी कर लिए

और राहुल एक अलग फ्लैट लेकर उसको रखने लगा, अगर मां या सलोनी घर में पूछते इतने देर से क्यों आए तू कोई ना कोई बहाना बना देता था!

एक दिन राहुल को घर लौटने में काफी समय लग गया....

इधर घर में पत्नी और मां बहुत ज्यादा परेशान हो रही थी,बार-बार राहुल को फोन कर रहे थे उसका फोन नहीं रिसीव नहीं हो रहा था तब घर में सभी और ज्यादा परेशान होने लगे !

तभी लैंडलाइन नंबर से राहुल के घर पर फोन आया कि मैं हॉस्पिटल से बोल रही हूं आपके बेटे का बहुत बुरी तरह एक्सीडेंट हुआ आपलोग हॉस्पिटल आ जाइए,फोन करने वाली कोई और नहीं राहुल की दूसरी पत्नी थी !

दरअसल अपने दूसरे वाले घर से राहुल जब अपने घर आ रहा था उसकी कार एक ट्रक से टकराई जब हॉस्पिटल ले जाया गया तो डॉक्टर ने साफ कह दिया इनको बचाना है तो दोनों पैर काटने पड़ेंगे!

जब धीरे-धीरे राहुल को हॉस्पिटल में एडमिट हुए 10 दिन बीत चुके थे तब राहुल एक दिन अपनी दूसरी पत्नी को फोन किया फोन उसकी मां उठाई और साफ शब्दों में राहुल को बोल दी वह तुमसे बात नहीं करना चाहती.......

"सिर्फ एक बार आप उनसे मेरी बात करवा दो "राहुल ने दूसरी पत्नी के मां से बोला !

तभी वह मां के हाथ से फोन लेकर बोल पड़ी "मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं है"अब तुम मेरे किसी काम की नहीं हो मैं तो तुम्हारी सैलरी देखकर अच्छी जॉब देखकर तुमसे शादी कर ली थी, यह मेरी जिंदगी की बहुत बड़ी भूल थी इतना बोल कर फोन रख दी उसने........

राहुल मन ही मन बहुत पश्चाताप कर रहा था एक तरफ से सलोनी है, जिसको मैंने क्या नहीं कहा ,हमेशा बदसूरत कहता रहा आज ए बदसूरत दिन -रात मेरे सेवा में लगी हुई है,जिसके लिए मैंने पूरे परिवार को धोखा दिया वही इतनी बड़ी धोखेबाज निकल गई सच कहते हैं लोग कभी रंग देखकर शादी नहीं करनी चाहिए !


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