File Photo: Kavita Singh

आदित्य आज फिर आप देर से आए" सोनाली आपका इंतजार करते-करते सो गई और आपको तो पता था ना कि उसका जन्मदिन भी था आज फिर भी आप ऐसी गलती कैसे कर सकते हैं...... आदित्य की पत्नी तनुजा गुस्से में बोली!

" यार तनुजा तुम समझा करो, ऑफिस के जरूरी मीटिंग के वजह से देर हो गया... मैं, ऐसा नहीं था कि मुझे याद नहीं था!

और तुम क्या चाहती हो जन्मदिन मनाने के लिए मैं जरूरी का काम छोड़ दूं... और फिर कल सारी तैयारी तो कर दिया था मैं फिर भी मेरा आना जरूरी था क्या?

आदित्य अपनी पत्नी से बोला- " ठीक है बाबा कोई बात नहीं सुबह जब सोनाली उठेगी तो फिर आप ही समझाना उसे" अब आप जल्दी से जाकर हाथ पैर धुल लीजिए मैं आपके लिए खाना लगा देती हूं.... तनुजा मुस्कुरा कर बोली!

सुबह बार-बार दरवाजे पर घंटी बज रही थी आदित्य तनुजा से दरवाजा खोलने के लिए बोल रहा था.... तनुजा आदित्य से.... आखिरकार तनुजा दरवाजा खोलने चली गई!

" मां जी -पिता जी आपलोग" अचानक से कैसे आना हुआ कोई जरूरी काम था क्या?

तनुजा आदित्य के मम्मी पापा से पूछने लगी...." अरे बहू अंदर आने के लिए नहीं पूछोगे क्या बाहर ही सारी समाचार पूछ लोगी" आदित्य की मां हंसते हुए बोली.....

" मां जी आपका ही तो घर है, आपको पूछने की क्या जरूरत है कृपया करके आप दोनों अंदर आए पहले फिर बात करते हैं. तनुजा सासू मां से बोलने लगी! सास ससुर दोनों अंदर आकर बैठ गए.. इतने में तनुजा आदित्य को आवाज लगाने लगी!

" आदित्य जल्दी से बाहर आओ देखो गांव से तुम्हारे मम्मी पापा आए हैं....

आदित्य बाहर आया और अपने मम्मी पापा को देख कर बहुत ज्यादा खुश हुआ दोनों से हालचाल पूछने लगा, इतने में तनुजा बोलने लगी मैं आपलोगों के लिए चाय नाश्ते की इंतजाम करने जा रही हूं!

पर जैसे ही किचन में गई आदित्य को आवाज लगाई..... आदित्य के आते ही उस पर चिल्लाने लगी अभी एक महीना तो हुआ था तुम्हारे मम्मी पापा को गए हुए दोबारा से वापस आ गए, अब पता नहीं कितने दिन रहने वाले हैं यहां पर....

अपने छोटे बेटे के पास तो कभी जाते ही नहीं जब भी मन होता है मुंह उठा कर यहां पहुंच जाते हैं!

" तनुजा तुम मेरे मम्मी- पापा के लिए कैसी बातें कर रही हो? और उनका बेटा हूं मैं, जब तक मन करेगा तब तक रहेंगे यहां तुम्हें अगर नहीं पसंद उनका यहां रहना तो तुम अपने मायके जा सकती हो कुछ दिनों के लिए!

इतनी बातें सुनने के बाद तो तनुजा को जैसे आग लग गई हो..... पैर पटकती हुई बाहर सास ससुर के पास चाय- नाश्ता लेकर आए और गुस्से में रखकर चली गई!

" अरे आदि बहू को क्या हुआ? कुछ नाराज सी लग रही है!

आदित्य की मां बोली... " कुछ भी नहीं मा आप चाय पियो "उसकी तो आदत है नाराज होने की अभी ठीक हो जाएगी... आदित्य मां से बोला!

" बेटा देखो तुम दोनों हमदोनों की वजह से लड़ाई-झगड़ा मत करो आपस में. बहु रसोई में जो तुमसे बोल रही थी मैंने सारी बात सुन ली है...और उसे समझा देना मैं ज्यादा दिन नहीं रहूंगी यहां पर पिताजी का चेकअप करवाना था और तुम लोगों की ज्यादा याद आ रही थी इसलिए मैं आ गई!

बेचारा आदित्य शर्मिंदगी से अपने मम्मी -पापा से नजरें भी नहीं मिला पा रहा था...फिर अंदर कमरे में जाकर अपनी पत्नी से बोलने लगा जब तुम्हारे मम्मी- पापा आते हैं तब तो तुम आदित्य बाजार से मिठाई ले आओ... इनलोगों के लिए नए कपड़े ले आओ बोलती रहती हो और मैं सब कुछ ला कर देता हूं! फिर जब मेरे मां- पिताजी आते हैं तो तुम्हारा ऐसा व्यवहार क्यों उनके साथ रहता है? आदित्य समझाते हुए कहने लगा!

Discus