बिहार के कैमूर जिले के अतरवलिया गांव से ताल्लुक रखने वाले मनोज तिवारी गांव की पगडंडियों से होते हुए बनारस पहुंचे और देश की सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा रखने वाली भगवान भोलेनाथ की भूमि बनारस में शिक्षा प्राप्त की. 1987 में आर्दश एसईवीए इंटरकॉलेज वराणसी से बारहवीं की परिक्षा पास करने के बाद मनोज ने बनारस हिंदु विश्वविद्यालय से 1992 में बीए(ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की. फिर उसके बाद यही से 1994 में उन्होंने मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में एम.ए की डिग्री हासिल की.

बतौर गायक मनोज तिवारी का करियर बनारस के मंदिरों से शुरू हुआ जहां वो शीतला घाट और महावीर मंदिर में भजन गाया करते हैं. फिल्म गैंग ऑफ वसेपुर के गाने जियो हो बिहार के लाला को बहुत शोहरत मिली. गायकी में सफलता की नई इबारत रिखने वाले मनोज ने भोजपुरी सिनेमा का रुख किया और सुसरा बड़ा पैसे वाला फिल्म में बतौर लीड एक्टर काम किया जो ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई. इसके बाद वह भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता और गायक बन गए. वह बिग बॉस सीजन 4 में भी दिखे. बिग बॉस में प्रतियोगी रहने के दौरान अभिनेत्री श्वेता तिवारी के साथ मनोज तिवारी का नाम जुड़ा इसके कारण उनकी शादी टूट गई। मनोज तिवारी की पत्नी रानी के साथ 2012 में तलाक हो गया. उनकी एक बेटी भी है.

मनोज हर क्षेत्र में सफलता झंडे गाड़ रहे थे. फिर 2009 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गोरखपुर से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा. वे भाजपा के योगी आदित्यनाथ से हार गए. उसके बाद अगले साल 2010 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ जुड़कर चर्चा में आये.

2014 के चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए और उस साल होने वाले आम चुनाव में उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोक सभा सीट से बीजेपी का प्रत्यासी बनाया गया. इस चुनाव में उन्होंने ‘आप’ के आनंद कुमार को 1,44,084 वोटों के अंतर से हराकर चुनाव जीता. लोकसभा चुनाव में जीत के रूप में प्रारंभिक सफलता ने उन्हें भाजपा की दिल्ली की राजनीति का एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया था फिर बाद में उन्हें दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया. 

आपको बता दें कि जह वह दिल्ली में बीजेपी संगठन के प्रमुख थे तब पार्टी ने 2017 में स्थानीय चुनावों में रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. मनोज तिवारी को दिल्ली में खासी पैठ रखने वाले पूर्वांचली मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल है. चूंकि मनोज तिवारी पूर्वांचल से हैं और दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की तादाद करीब 40 फीसदी के आसपास है. इसलिए भाजपा को मनोज तिवारी के आने से काफी फायदा मिला है.


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