Monetary Policy of RBI

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज शुक्रवार 5 फरवरी को मॉनेटरी पॉलिसी(MPC) रिव्यू के बाद नीतिगत दरों समेट इकोनॉमी के बारे में जो बातें बताईं, हम उसका निचोड़ 10 प्वाइंट्स में आपको बता रहे है.

1. नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. रेपो रेट को 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा है. साथ ही MSF और बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25% है.

2. मार्च 2021 से शुरू होने वाले दो चरणों में आरबीआई नकदी आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को वापस चार फीसद पर लायेगा. इसे 27 मार्च तक 3.5% और 22 मई तक 4% किया जाएगा.

3. रिजर्व बैंक ने 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसद रहने का अनुमान जताया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कैपिसिटी यूटिलाइजेशन सुधरा है और यह इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 63.3% रहा जो Q1 में केवल 47.3% था। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी और तेज हुई है.

4. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं. उनके भरोसे का रिफ्लेक्शन हाल के महीनों में FDI और FPI निवेश के फ्लो में हो रहे बढ़ोतरी से लगाया जा सकता है.

5. चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए खुदरा मंहगाई दर (CPI) 5.2% रहने का अनुमान है. वहीं 2021-22 की पहली छमाही में 5% और इस साल नवंबर-दिसंबर तक 4.3 % तक रह सकता है.

6. कर्ज में वृद्धि के लिये रिजर्व बैंक ने टारगेटेड एलटीआरओ की योजना के तहत बैंकों से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया.

7. रिजर्व बैंक ने एमएसएमई को नए कर्ज पर प्रोत्साहन की नयी योजना की घोषणा की.

8. खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजार की साीधी पहुंच मिलेगी. भारत ऐसा करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल होगा. RBI गवर्नर ने कहा कि रिटेल इंवेस्टर अब RBI के साथ Gilt Accounts ओपन कर सकेंगे और रिटेल इंवेस्टर्स को भी प्राइमरी और सेकेंडरी गवर्मेंट बॉन्ड मार्केट को एक्सेस कर सकते हैं.

9. उपभोक्ताओं के शिकायतों का निवारण समय पर हो, इसके लिये डिजिटल भुगतान प्रणाली की सहायता को 24 घंटे सक्रिय हेल्पलाइन शुरू की जायेगी.

10. MPC ने तीन मौजूदा ombudsman schemes को आपस में जोड़ने और एक सेंट्रलाइज्ड स्कीम बनाने का फैसला किया है। इसे जून 2021 में शुरू किया जाएगा.

आपको बता दें कि RBI हर दो महीने में नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लेता है. यह काम 6 सदस्यों वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) करती है. बजट पेश होने के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी. 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद 3 से 5 फरवरी तक हुई MPC की मीटिंग में यह फैसला लिया गया. रिजर्व बैंक अब महंगाई और ग्रोथ पर फोकस कर रहा है. इससे ब्याज दरों में गिरावट रुकेगी और आगे चलकर ये बढ़ भी सकती हैं.

मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के जरिए अर्थव्यवस्था में फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करता है. इसके ज़रिए महंगाई पर नियंत्रण, कीमतों में स्थिरता और टिकाऊ आर्थिक विकास दर को हासिल करने के लिए रोडमैप तैयार किया जाता है. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) हर दूसरे महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा करता है. इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए नीतिगत ब्याज दरें घटाने या बढ़ाने का फैसला किया जाता है.


Discus