कृषि कानून को लेकर देश भर के किसानों का गुस्सा फुट रहा है. वे इस कानूनों का लगातार विरोध कर रहे हैं और इसी कड़ी में वे 26 और 27 नवंबर को दिल्ली कूच करने को लेकर सुबह से ही काफी संख्या में पंजाब- हरियाणा सीमा पर इकट्ठे होने लगे. वे हरियाणा में प्रवेश करके दिल्ली जाने की तैयारी में आये थे, ले‍किन सरकार के आदेश पर पहले ही प्रशासन ने पंजाब-हरियाणा बार्डर पूरी तरह सील कर दिया था. राज्य की सीमाओं पर बैरिकेडिंग एवं कंटीली तारें और बड़े बड़े पत्थर भी लगाये गए है ताकि किसानों को किसी भी सूरत में दिल्ली नहीं पहुंचने दिया जाये पर देश की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले किसान अपनी मांगों के लेकर अडिग रहे.

सुबह से ही किसानों की भीड़ बार्डर पर एकत्र होने लगीं जो ट्रैक्टर ट्राली में पहुंचे थे. पंजाब-हरियाणा सीमा से सटे शंभू बार्डर पर किसानों को पैदल आगे जाने की इजाजत तो दे दी गई, लेकिन वाहनों को आगे बढ़ने नहीं दिया गया. कई किसान पैदल ही हरियाणा की तरफ निकल गए लेकिन हरियाणा पुलिस ने ट्रैक्टर ट्रॉली वाले किसानों के जत्थों को वहीं रोक दिया. किसानों द्वारा हरियाणा में प्रवेश करने के प्रयास लगातार जारी हैं और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ हैं. किसानों ने समाना और अजीमगढ में पुलिस द्वारा नाकेबंदी के तीन ठिकानों को तोड़ दिया. बाद में आंदोलनकारी किसान शंभू बैरियर क्रॉस करने में सफल हो गए और हरियाणा की सीमा में दाखिल हो गए.



गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो दिन पहले यानी मंगलवार को कहा था कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली मार्च के पहले पंजाब के साथ लगने वाली राज्य की सीमाएं 26 और 27 नवंबर को बंद रहेंगी. खट्टर ने कहा था कि कुछ किसान नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सख्त कदम उठाने से परहेज नहीं करेंगी.

किसानों को कैसे भी दिल्ली की ओर कूच नहीं करने देने का सरकारी आदेश को मानने के लिए जनता के नौकर यानी प्रशासन उन्हीं पर वाटर कैनन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. फिर भी किसान डटे रहे. आपको बता दें कि पंजाब-हरियाणा के शंभू बार्डर पर पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेट्स को किसानों द्वार तोड़े जाने से दोनों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई. इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है. हम कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार की भीड़ जमा नहीं करने देंगे और शहर आने पर आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना हैं कि सरकार ये कदम बहुत ही निंदनीय है. वे विरोध करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का भी हनन कर रहे है और हमें किसी भी तरह रोकना चाहते हैं.

इस बीच स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव और उनके समर्थकों को गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में ले लिया. योगेंद्र यादव को पुलिस ने विलासपुर इलाके से हिरासत में लिया, वो किसानों के साथ हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे. योगेंद्र ने कहा कि क्या इस देश का किसान होना अपराध है? हमें कहा जा रहा हम शांति भंग कर रहे, पर हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. योगेंद्र ने कहा, इस आंदोलन को कोरोना नियमो का उल्लंघन कहा जा रहा पर जब हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की रैली थी तब कोरोना नहीं था क्या?


Discus