देश की सियासत में नीतीश कुमार की चर्चा सुशासन बाबू के तौर पर होती है. आज सोमवार 16 नवंबर को उन्होंने 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद व गोपनीयता की शपथ ली. सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष की कड़ी चुनौती के बावजूद सत्ताधारी एनडीए गठबंधन बहमुत के लिए जरूरी 122 से तीन सीट ज्यादा हासिल करने में सफल रही. हालांकि जेडयू को महज 43 सीटें ही मिलीं. राजनीतिक शतरंज की बिसात पर नीतीश की चालों ने कई साल से सत्ता पर उनका दबदबा बनाए रखा है, और ये उसी दबदबे का परिणाम है कि उन्हें भाजपा(74 सीटें) से कम सीटें मिलने के बावजूद राज्य की कमान सौंपी गई है. लेकिन क्या आपको पता है कभी 7 दिन का सीएम रहे नीतीश आज 7वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं. आईए आपको बताते हैं कि उन्होंने कब-कब संभाली ये जिम्मेदारी...

नीतीश ने पहली बार वर्ष 3 मार्च, 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उस वक्त बहुमत नहीं होने की वजह से सात दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा था.

फिर दूसरी बार नीतीश ने 2005 में भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई.

तीसरी बार बतौर सीएम नीतीश की ताजपोशी 26 नवंबर 2010 को हुई. वोटर्स ने उनके विकास के काम पर मुहर लगाते हुए आपार समर्थन दिया. हालांकि बाद में कार्यकाल के पूरा होने के पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

आपको बता दें कि ये 2014 का लोकसभा चुनाव का समय था. तब नीतीश ने नरेंद्र मोदी को एनडीए का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था. इस लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का जादू चला और जेडयू के खाते में सिर्फ 2 सीटें ही आई थीं. पार्टी की करारी हार का नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश ने अपने ही दल के जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया और खुद संगठन को मजबूत करने का फैसला किया. हालांकि, बाद में नीतीश का मांझी से मतभेद खुलकर सार्वजनिक मंचों पर जाहिर होने लगा जिसके चलते नीतीश को सरकार में लौटना पड़ा.

सियासी उठापटक के बीच नीतीश ने 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह पारी 19 नवंबर 2015 तक चली. फिर आई विधानसभा चुनाव 2015 की बारी, जिसमें वे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के रणनीति के मुताबिक भाजपा को शिकस्त देने के लिए लालू से हाथ मिला लिया और बना महागठबंधन. इसमें जनता दल यूनाइटेड, राष्‍ट्रीय जनता दल, कांग्रेस शामिल थी. लेकिन इस महागठबंधन के चेहरा बने नीतीश ही. चुनाव में महागठबंधन को बंपर जीत मिली और नीतीश ने 20 नवंबर 2015 को पांचवी बार सीएम पोस्ट की शपथ ली. इसी बीच राजद से संबंधों में खटास के चलते 26 जुलाई 2017 को उन्होंने सीएम पोस्ट से इस्तीफा दे दिया और 27 जुलाई 2017 को भाजपा के साथ छठी बार मुख्यमंत्री बने.

फिर आई बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की बारी, जिसमें वो एनडीए के फेस बने और 243 सीटों के सियासी दंगल में कड़े मुकाबले में रोमांचक जीत दर्ज की और 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया. पर, इस बार हालात अलग है जेडयू को उम्मीद के अनुसार सीटें नहीं मिली है, जिससे ये तय है कि सत्ता का चेहरा नीतीश भले ही है पर, रिमोट भाजपा के पास है.

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