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देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है. देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी मात्रा में किल्लत देखी जा रही है. कोरोना वायरस की चपेट में आये कई लोगों का ऑक्सीजन स्तर क्रिटिकल लेवल पर पहुंच जा रहा है फिर उनकी सही समय पर ऑक्सीजन न मिलने से के मौत हो जा रही हैं. देश में हर जगह हाहाकार मचा हुआ है. बड़े शहरों से लेकर छोटे शहर, टाउन, कस्बा और गांव हर जगह स्थिति विकराल रूप लेती नजर आ रही है.

गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 3,82,315 नए मामले सामने आए हैं और 3,780 लोगों की मौत भी हुई है. कोरोना के 3,38,439 मरीज ठीक हुए हैं. देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 34,87,229 है. वहीं, कोरोना महामारी से अभी तक 2.26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

देश में कोरोना के बढ़ते मामले और ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने मोर्चा संभालते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाया है. भारतीय रेलवे का यह अभियान किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इसकी मदद से जहां भी पर्याप्त ऑक्सीजन है वहां से ऑक्सीजन लेकर जरूरतमंद शहरों तक पहुंचाया जा रहा है. देश भर में 344 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यानी एलएमओ (Liquid Medical Oxygen) से लदी विभिन्न टैंक-ट्रेन मार्ग में हैं. रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''भारतीय रेल ने देश के विभिन्न राज्यों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाया है. अब तक भारतीय रेल विभिन्न राज्यों में 137 टैंकरों में 2,067 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा चुकी है.''

रेल मंत्री ने इस संबंध में ट्वीट करके भारतीय रेलवे की ओर से मुहैया कराई जा रही सेवाओं की जानकारी दी.

मंत्रालय ने बताया कि अब तक 34 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन अपना सफर पूरा कर चुकी हैं. अब तक महाराष्ट्र को 174, उत्तर प्रदेश को 641, मध्य प्रदेश को 190, हरियाणा को 229, तेलंगाना को 123 और दिल्ली को 707 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई है. हर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन में करीब 16 टन मेडिकल ऑक्सीजन लदा होता है जिनके सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा जाता है. हर एक टैंकर को पहले लकड़ी को दो बड़े-बड़े गुल्लक पर रखा गया. फिर इन्हें स्टील स्ट्रीप से बांध कर टाइट किया गया ताकि रास्ते में किसी तरह की जर्किंग में टूटे नहीं. इसके बाद बोरी में रखे बालू से सभी टैंकरों को सावधानी के तौर पर जाम भी किया गया.

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