Will PK audio clip leaking benefit BJP

भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के चीफ और पश्चिम बंगाल चुनाव के सह प्रभारी अमित मालवीय ने प्रशांत किशोर उर्फ पीके का जो ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया है उससे भाजपा के कार्यकर्ताओं का जोश जरूर हाई हुआ होगा. लेकिन ये मान लेना कि भाजपा ही बंगाल का सियासी दंगल जीत रही है ठीक नहीं होगा.

रणनीतिक रूप से भाजपा ने ठीक उसी दिन पीके का कुछ पत्रकारों के साथ वाला आधा-अधुरा क्लबहाउस वाला ऑडियो क्लिप वायरल किया जब 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान हो रहा था. ऑडियो क्लिप को लेकर पीके का भी रिएक्शन आया और वो बीजेपी से पूरी बातचीत का ऑडियो लोगों के साथ शेयर करने की अपील कर रहे हैं. ताकि पूरी सच्चाई बाहर आये. पीके कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि भाजपा मेरे क्लबहाउस चैट को अपने नेताओं के शब्दों से अधिक गंभीरता से ले रही है.

बता दें कि अमित मालवीय ने पीके की चैट का जिक्र करते हुए ट्वीट कर कहा कि मोदी, बंगाल में बेहद लोकप्रिय हैं. इस समय बंगाल में टीएमसी के विरोध में लहर. ध्रूवीकरण वास्तविकता है. एससी वोट बीजेपी के पक्ष में जा रहा है और इसके साथ ही बीजेपी को इलेक्शन मशीनरी का भी फायदा मिल रहा है.

कई हिस्सों में ट्वीट किये गये इस कथित ऑडियो क्लिप का निचोड़ यह है कि प्रशांत किशोर के अनुसार ध्रुवीकरण, ममता सरकार के प्रति नाराज़गी और दलित वोट - ये तीन कारक हैं जो बीजेपी के पक्ष में काम करता हुआ दिख रहा हैं. लेकिन क्या ये पूरी सच्चाई है? क्या सही में टीएमसी के रणनीतिकार पीके मैदान हारने की बात कह रहे हैं? क्या वाकई भाजपा चुनाव जीत रही है? आइए एक-एक करके इन सभी सवालों का पड़ताल करते है.

जाहिर है पीके ने कही भी यह नहीं कहा था कि भाजपा जीतती दिख रही है. उन्होंने केवल यह कहा बंगाल में बीजेपी की जो और जितनी भी ताक़त है, वह किन कारणों से है. लेकिन बंगाल चुनाव के आधे सफर में लीक हुई इस ऑडियो चैट भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है. क्योंकि ट्वीट से ये साफ संदेश देने की कोशिश हुई कि प्रशांत किशोर ने मान लिया है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी हार रही है और बीजेपी जीत रही है.

बहरहाल पीके का ये अपील करना कि चैट का पूरा हिस्सा दिखाया जाए. और उनके इस अपील पर कैलाश विजयवर्गीय का ये कहना है कि वे क्यों पूरा हिस्सा दिखाएं, ख़ुद वही लोग पूरा हिस्सा दिखला दें. लेकिन ऐसा पीके नहीं करेंगे क्योंकि वे यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि बीजेपी का आईटी सेल जो हिस्सा दिखलाएगा, वही लोकप्रिय होगा. 

अब भी पीके अपने पहले के बयान पर कायम है और उसे दुहराते हुये कह रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी 100 सीटें भी नहीं पा सकेगी. लेकिन चुनाव के दौरान पीके द्वारा की गई इस गलती से टीएमसी को जहां मनोवैज्ञानिक तौर पर नुकसान हुआ है, वहीं भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुआ है. 

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