भारत एक ऐसा विशाल देश है जहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं हैं. यहां हर गांव, मुहल्ले, कस्बे और शहरों में अनूठी प्रतिभा वाले शख्सियत देखने को मिल जाएगा. यद्दपि गांवों में उतने संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाते, फिर भी सीमित संसाधनों में से ही कोहिनूर बनने का हुनर आपको इस देश की गांव की मिट्टी में देखने को मिल जाएगा, वो शायद ही कही और मिल पाये. आज हम आपको वैसी ही एक बेहद टैलेंटेड गर्ल शालु गिरि से रूबरू करवाने जा रहे है, जो बहुत ही कम उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

गांव का नाम रोशन करनेवाली ये बेटी मिस दरभंगा भी रह चुकी है. आमतौर पर ये देखा गया है कि फैशन कॉम्पटिशन में उन्हीं लोगों को सफलता मिलती हैं जो रिच फैमिली से ताल्लुक रखते हैं लेकिन अगर मन में सच्ची लगन व दृढ इच्छा शक्ति हो तो कोई बाधा किसी भी इंसान को सफल होने से नहीं रोक सकती. इस बात को बखूबी साबित कर दिखाया है शालु ने. जिलास्तरिय इस प्रतियोगिता में हजारों की भीड़ थी और उसमें से विजेता बनना एक बड़ी बात है. शालु को शुरु से ही मॉडलिंग और एक्टिंग के फिल्ड में जाने की इच्छा थी. गांव की इस प्रतिभावान बेटी ने इसको लेकर कमर भी कस चुकी है और वो कड़ी मेहनत कर रही है.

शालु के सोशल मीडिय पर करीब 6 लाख फॉलोअर्स है. उचैठ की रहने वाली एक बेहद सामान्य परिवार की लड़की शालु आगे चलकर एक्टिंग में अपना करियर बनाना चाहती. इन्हें डिजिटल मार्केटिंग में भी इंट्रेस्ट है. शालु ने अपनी पढ़ाई उच्चैठ गांव के स्कूल से ही पूरी की है. आपको बता दें कि ये वही उच्चैठ गांव है, जहां विश्व प्रसिद्ध भगवती काली मां का मंदिर अवस्थित है. इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्ता इसी बात से लगाई जा सकती है कि इसी स्थान पर महान कवि कालिदास को माता काली ने वरदान दिया था और मूर्ख कालिदास मां का आशीर्वाद पाकर ही महान कवि के रूप में विख्यात हुए.

शालु कहती है कि मन में सच्ची लगन और जज्बा हो तो इंसान सबकुछ पा सकता है. दुनिया में वही लोग अपना नाम कमा पाते है जो फौलादी जिगर और मजबूत इरादे रखते है. वह आगे कहती है काम के परिणाम की चिंता किये बगैर केवल और केवल अपने वर्तमान काम पर फोकस करना चाहिए और अटल इरादों के साथ उसी पर डटे रहे, यकिन मानिये आपको सफलता जरूर मिलेगी.

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