File Photo Utkarsh Mishra, Ghaziabad Delhi NCR

'होनहार बिरवान के होत चीकने पात' यह कहावत सच कर रहे हैं गाजियाबाद में राजेन्द्र नगर के सेक्टर-3 में रहने वाले 15 साल के उत्कर्ष मिश्रा. उत्कर्ष पर एक्टिंग का जुनून इस कदर सवार है कि छठी क्लास से ही उन्होंने इसे अपने जीवन का ध्यय बना लिया. स्कूल के सांस्कृतिक गतिविधियों से लेकर राजधानी दिल्ली सिनेमा से मॉडलिंग में अव्वल रहें.

उत्कर्ष का सेलेक्शन स्टार भारत के चर्चित टीवी शो गुप्ता ब्रदर में भी हुआ और उन्हें मौका मिला SAB TV जैसे बड़े चैनल पर काम करने का, लेकिन सपनों की उड़ान कहीं इससे आगे है. इसलिए लाखों लोगों में से चुने जाने के बावजूद वहां काम न करके अपना फिल्म प्रोडक्शन हाउस 'उत्कर्ष मिश्रा फिल्मस' नाम से खोला. उत्कर्ष इसके जरिये देश के उन बच्चों को एक मंच प्रदान करना चाहते है जिसे कही न कही बड़े प्रोडक्शन हाउसेज में काम करने का मौका नहीं मिलता.

ये बात तो जग जाहिर है कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. लेकिन नेपोटिज्म की वजह से उन्हें अपने हुनर दिखाने का अवसर ही नहीं मिलता. 'उत्कर्ष मिश्रा फिल्मस' ऐसे ही टैलेंटेड बच्चों को सुनहरा मंच प्रोवाइड कराने का काम कर रहा है. इस मंच पर वे अपने स्किल को निखार कर सिनेमा की दुनिया में नई इबारत गढ़ सकते हैं. यहां एक्टिंग से लेकर सिनेमैटोग्राफी, म्यूजिक कंपोजिंग के साथ-साथ फिल्म मेकिंग के हर पहलुओं को बारिकी से अवगत कराया जाता है. उत्कर्ष ने आगे आने वाले समय में सॉन्ग एवं फिल्म बनाने का फैसला किया है.

उत्कर्ष के बड़े भाई एडवोकेट गौरव मिश्रा का कहना है कि उत्कर्ष जब सात साल का था, तभी से फिल्म, टीवी धारावाहिक व गानों को ब़ड़े ही ध्यान से देखता था. आठ साल की उम्र से ही वह स्कूलों में व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगा. उसमें एक्टिंग को लेकर गजब का डेडिकेशन है. वो बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल करना चाहता है. उसका सपना बड़ा फिल्म स्टार बनकर जिले व राज्य का नाम रोशन करना है.

वहीं उत्कर्ष से जब हमारी टीम ने बातचीत की तो उन्होंने बताया, “सिनेमा की दुनिया में जाना मेरा पैशन है, जुनून है. बतौर लक्ष्य मुझे फिल्मी कैनवास के अलावा और कुछ न सुझता है नहीं दिखाई देता है. मैं शुक्रगुजार हूं अपने दादा जी राम किशोर मिश्रा, पिता जी अविनाश चन्द्र मिश्रा, गुरुजनों, भैया गौरव मिश्रा,भाभी प्रियंका मिश्रा, दीदी नेहा मिश्रा, मानसी मिश्रा जो मुझे हर कदम पर सपोर्ट करते हैं. इनके साथ- साथ हौसलों की दिवार मजबूत बनी रहे, इसके लिए कंसिस्टेंटली मोटिवेशन देने वाले मेरे दोस्तों व बड़े भाई समान प्रभाष गिरि एवं जवाहर लाल नेहरू का विशेष आभार व्यक्त करता हूं.”


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