बंगाल की चुनावी जंग फतह करने के लिए बीजेपी और टीएमसी ने पूरी ताकत झोंक दी है. बंगाल चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की फौज उतार रखी है. खुद पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत दर्जनों मंत्री-नेता बंगाल फतह के लिए कमर कस तैयार है. वहीं टीएमसी अकेले ममता बनर्जी की छवि और प्रचार के सहारे बंगाल जीतने की जुगत में है.
पूरे देश की निगाहें बंगाल चुनाव पर है. लोग ये जानने को उत्सुक हैं कि क्या बंगाल में ममता दीदी अपनी सत्ता बरकरार रख पायेगी या फिर प्रदेश की सत्ता में परिवर्तन होगा? बहरहाल रिफ्लेक्शन लाइव टीम की ग्राउंड रिपोर्ट ये तथ्य सामने आये है कि बीजेपी की पूरी पलटन पर ममता दीदी का पलड़ा भारी है. अब तक बंगाल में दो चरणों में 60 सीटों पर चुनाव हुए हैं. इसमें 33 से 35 सीटें टीएमसी जीत सकती हैं. वहीं बीजेपी को 18-20 सीटें मिल सकती है जबकि कांग्रेस, लेफ्ट और आईएसएफ गठबंधन के खाते में 5 से 7 सीटें आ सकती हैं. ये महज अनुमान है जो 60 सीटों पर मतदाताओं के फीडबैक पर आधारित हैं.
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों के लिए आठ चरणों में मतदान होना है. आठ चरणों में 27 मार्च, 1 अप्रैल यानी पहले और दूसरे फेज का चुनाव हो गया है. अब तीसरे फेज का 6 अप्रैल, चौथे फेज का 10 अप्रैल, पांचवी फेज का 17 अप्रैल, छठी फेज का 22 अप्रैल, सातवी फेज का 26 अप्रैल और आठवी फेज का 29 अप्रैल को होना है. वहीं वोटों की गिनती और चुनावी नतीजे 2 मई को घोषित होंगे.
गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई 2021 को पूरा हो रहा है. ऐसे में 30 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है. असम, केरल, पुदुचेरी, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित इन 5 राज्यों के चुनाव नतीजों देश में सियासी समीकरण की नयी तस्वीर पेश कर सकते हैं.
लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा दिलचस्प मुकाबला पश्चिम बंगाल का है. क्योंकि, बीजेपी ने यहां ममता सरकार के खलाफ मोर्चा खोल रखा है. पिछले 10 साल से टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी यहां की मुख्यमंत्री हैं. 2016 विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिली थी. जबिक, बीजेपी को तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. अब यदि पश्चिम बंगाल में बीजेपी जीत हासिल करती है तो पहली बार पूर्वी छोर पर भगवा लहराएगा. 2019 के आम चुनाव में बंगाल में 40 पर्सेंट वोट शेयर हासिल कर 18 लोकसभा की सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार बड़ी उम्मीदें हैं.