चार दिनों के बाद नए साल की शुरुआत हो जाएगी और इसी के साथ ही टीवी, वॉशिंग मशीन और फ्रिज जैसे कुछ होम अप्लाइंस महंगे हो सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर क्यों कम्पनियां दाम बढ़ाने का सोच रही हैं? कोरोना की वजह से प्रोडक्ट की डिमांड वैसे ही कम है. लोगों के आय बढ़ने के बजाय कम ही हुए है. ऐसे में होम अप्लाइंस की कीमतों में इजाफा क्यों हो रहा है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डॉलर के मुक़ाबले रुपये में गिरावट और होम अप्लाइंस के प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले मुख्य मेटेरियल, जैसे की कॉपर, एल्यूमिनियम और स्टील की कीमतों में बढ़ने वाली है. ऐसे में जब प्रोडक्ट की इनपुट मटेरियल्स की लागत बढ़ेंगी तो उसके आउटपुट यानी फिनिश्ड प्रोडक्ट की कीमतों में भी इजाफा होगा.

एलजी, सोनी, पैनासॉनिक और सैमसंग जैसी कंपनियों के होम अप्लाइंस खास कर टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन पॉपुलर हैं. एलजी, पैनासोनिक और थॉमसन जैसी कंपनियों का कहना है कि जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया है. जबकि सोनी अब भी स्थिति का जायजा ले रहा है और वो कीमतों को लेकर बाद में फैसला करेगा. पैनासॉनिक इंडिया के सीईओ मनीष शर्मा के मुताबिक जनवरी से कीमतें 6-7 फीसदी बढ़ेंगी, लेकिन आने वाले समय में ये 10-11 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. उन्होंने भी कीमत बढ़ाए जाने के पीछे यही दलील दी है कि प्रोडक्शन में लगने वाले प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं.

एलजी की बात करें तो यहां भी 1 जनवरी से कीमतें 7 से 8 फीसदी तक बढ़ सकती हैं. ये कीमतें होम अप्लाइंस कैटिगरी में बढ़ेंगी. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया हेड ने भी कहा है कि कंपनी भारत में सभी प्रोडक्ट्स जैसे टीवी, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिज्रेटर इत्यादि की कीमतें 7-8 फीसदी तक बढ़ा देगी. इसकी वजह रॉ मेटेरियल - कॉपर और एल्यूमिनियम महंगा होना है. क्रूड ऑयल की कीमतें भी यहां असर डाल सकती हैं. सोनी ने अब तक साफ नहीं किया है कि कंपनी अपने होम अप्लाइंस की कीमतें बढ़ाएगी या नहीं. लेकिन मार्केट को देखते हुए कंपनी अगले कुछ समय में ये क्लियर कर सकती है.

कंपनियों का कहना है कि इसके अलावा, वैश्विक विक्रेताओं की ओर से सप्लाई में कमी होने के कारण टीवी पैनल की कीमतें भी दो गुना तक बढ़ गई है. वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण प्लास्टिक की लागत भी बढ़ गई है. ऐसे में कंपनियां नए साल में होम अप्लायंस की कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी.

भारत में मिड साइज स्क्रीन वाले एलईडी टीवी ज्यादा पॉपुलर हैं और इस सेग्मेंट की कीमतों में सबसे ज्यादा कीमतों की बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है. सोनी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील नायर ने कहा है कि हम अब भी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. हम अभी कंपनी मार्केट की स्थिति देख रहे है इसके बाद ही हम कोई फैसला करेंगे. हम सप्लाई साइड को देख रहे हैं, जो हर रोज बदल रही है. अभी परिस्थिति साफ नहीं है, इसलिए हम ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि हालात किस ओर जा रहे हैं. खास तौर पर टीवी पैनल की कीमतें बढ़ रही हैं और दूसरे रॉ मेटेरियल का भी कॉस्ट बढ़ा है.

वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड थॉमसन और कोडक की ब्रांड लाइसेंसी सुपर प्लास्ट्रोनिक्स अधिकारियों का कहना है कि टीवी ओपनसेल की कीमतें 200 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हैं. पैनल की कीमतों में 200 फीसदी की इजाफा के बावजूद सप्लाई कम है. वैश्विक स्तर पर पैनल निर्माण का कोई विकल्प नहीं होने के कारण, हम चीन पर निर्भर हैं. इसलिए, थॉमसन और कोडक जनवरी से ऐन्ड्रॉइड टीवी की कीमतों में 20 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगे.

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