Why remaining phase of Bengal election is game changers

बंगाल में आज 22 अप्रैल गुरुवार को छठे चरण में 43 सीटों पर मतदान हो रहा है. राज्य में अब तक पांच चरणों में 294 सीटों में से 180 के लिए मतदान हो चुका है. बाकी दो चरणों में अभी 69 सीटों के लिए वोट पडऩे बाकी हैं. बाकी के बचे चरणों में जिन सीटों पर वोटिंग होनी हैं वो अगली सरकार तय करने में निर्णायक साबित होंगी.

फिलहाल आज बंगाल के चार जिलों उत्तर 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर, नदिया व पूर्व बद्र्धमान की कुल 43 सीटों के लिए वोटिंग हो रही हैं. कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते देख बीजेपी एवं तृणमूल ने चुनाव प्रचार की रणनीति भी बदल ली है.

जहां एक ओर टीएमसी सुप्रीमो एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तुरंत चुनाव आयोग से बाकी चरणों का मतदान एक साथ कराने की मांग कर डाली. आपको बता दें कि टीएमसी शुरू से ही आठ चरणों में वोटिंग नहीं चाह रही थी. कोरोना की वजह से उसे मौका भी मिल गया है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी वोटिंग के बचे फेज में कटौती नहीं चाह रही क्योंकि ऐसा होने पर वह अपनी अंतिम दौर की रणनीति को एग्जिक्यूट नहीं कर पाएगी.

अब तक जोर-शोर से 'बाहरी का मुद्दा उठाती आ रही टीएमसी ने अब कोरोना से निपटने में केंद्र की बीजेपी सरकार की नाकामी बतानी शुरू कर दी है. ममता तो बीजेपी पर चुनाव प्रचार के लिए दूसरे राज्यों से लोग लाकर बंगाल में कोरोना फैलाने का गंभीर आरोप भी लगा चुकी हैं. दूसरी तरफ कटमनी व भ्रष्टाचार के मुद्दों से तृणमूल पर वार करती आ रही बीजेपी ने फिलहाल इससे किनारे पर रखते हुए कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार की कामयाबी गिनाने में जुट गई है.

पर, बदलते हुए चुनावी माहौल में बीजेपी को जितने आक्रामक तरीके से कोरोना को लेकर टीएमसी के वार का जवाब देना चाहिए, वैसा नहीं कर पा रही है. इस पर बीजेपी को और मेहनत करनी होंगी. क्योंकि आखिरी के बचे दो चरण 'गेम चेंजर' साबित होने वाले है. इस दौरान जो पार्टी वो टीएमसी हो या बेजेपी मुद्दों को लोगों के बीच सही से रख कर समझाने में सफल होंगी उसे एडवांटेज मिल सकता है.

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