दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं मनाने का निर्देश दिया है. और सरकार के इस फैसले को छठ पूजा का आयोजन करवाने वाली समितियों ने जबरदस्त विरोध किया है. वहीं विपक्षी भाजपा ने केजरीवाल सरकार के इस निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है.

भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार रेस्टोरेंट और बार खोलने के लिए इजाजत दे सकती है तो फिर छठ पूजा के लिए क्यों नहीं. उसका केंद्र सरकार के पाले में गेंद डालना उचित नहीं है. इससे वह अपने फैसले को सही नहीं ठहरा सकती है.

दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए भाषा की मर्यादा भी भूल गए. मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार गाइडलाइन का नौटंकी कर रही है. मनोज तिवारी ने बकायदा तमाम न्यूज़ की कतरनों को ट्वीट करते हुए कहा-:

"कमाल के नमकहराम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. कोविड के सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कर आप छठ नहीं करने देंगे और गाइडलाइंस सेंटर से मांगने का झूठा ड्रामा अपने लोगों से करवाते है. तो बताएं ये 24 घंटे शराब परोसने के लिए परमिशन कौन से गाइडलाइंस को फ़ॉलो कर ली थी, बोलो CM."

आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना संकट फिर से बढ़ गया है. स्थिति इस कदर गंभीर हो गई है कि हॉस्पिटल में आईसीयू बेड तक खाली नहीं बचे हैं. कोविड के प्रसार को रोकने के लिए सरकार तमाम कदम उठा रही है. इसके तहत ही दिल्ली सरकार ने किसी भी शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे नहीं का प्रपोजल उपराज्यपाल को भेजा था जिसे मंजूरी मिल गई है.

गौरतलब है कि पहले शादी समारोह में 200 लोगों के शामिल होने की इजाजत थी. वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कोरोना संकट के चलते दिल्ली सरकार के सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा नहीं करने के आदेश को बरकरार रखा है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पब्लिक प्लेस पर छठ पूजा की इजाजत देना कोविड जैसे जानलेवा बीमारी का तेजी से प्रसार के रास्ता खोलने जैसा है.

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