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गुलाबी नगरी जयपुर पटरानी,
राजस्थान की राजधानी है।
हवा महल, आमेर, नाहरगढ़ किला,
प्रसिद्ध जंतर मंतर, चौखी धानी है।
उदयपुर राजस्थान का कश्मीर,
झीलों की शोभा है अनुपम।
नाथद्वारा, कांकरोली, एकलिंगजी
त्रिवेणी सा है संगम।
राणा प्रताप का घोड़ा चेतक,
पद्मावती ने जौहर किया।
पन्नाधाय ने राज्य हित हेतु,
अपने पुत्र का बलिदान दिया।
माउण्ट आबू में ब्रह्मा बाबा,
संस्था ब्रह्मकुमारी है।
दिलवारा का जैन मंदिर,
सूर्यास्त की शोभा न्यारी है।
मरुस्थल में उड़ते सुनहरे टीले,
बालू में करते, ऊँट की सवारी है,
जैसलमेर किला, मन्दिर, उद्यान,
महल और कैंप की शोभा भारी है।
जोधपुर का मेहरगढ़ किला,
इतिहास संस्कृति का संगम है।
'गेटवे टू थार कहलाता',
लोकगीतों का नजारा अनुपम है।
वास्तु कला से सजा,
राजस्थान का हृदय अजमेर है।
हिंदू मुस्लिम श्रद्धालुओं का स्थान,
आध्यात्मिक शान्ति घनेर है।
बीकानेर के पापड़ भुजिया,
फीणी, घेवर मशहूर है।
जूनागढ़,गजनेर की शोभा,
फैली दूर दूर है।
विंध्य अरावली की तलहटी में बसा,
रणथंभौर प्राचीन है।
पुष्कर की पवित्र धरती पर,
ब्रह्मा जी आसीन हैं।
कोटा की डोरियाँ साड़ी,
जयपुरी चून्दडी की बहार है,
कुंभलगढ़,चित्तौड़गढ़,दुर्ग की महिमा,
"वाल ओफ इन्डिया"शानदार है।
देशनोक की करणी माता,
सालासर में हनुमान है।
पाली में परशुराम महादेव,
अलवर में नीलकण्ठ भगवान है।
झुंझुनू में राणी सती दादी,
रणथंबोर में त्रिनेत्र गणेश है।
उदयपुर की मां अम्बिका,
कोलायत में कपिल और महेश है।

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