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जो चला जाता वह लौट नहीं आता
यह है जीवन की विडंबना
आत्मा अजर शरीर है नश्वर
यह है जीवन की विडंबना
समय खोने पर पछताते
यह है जीवन की विडंबना
प्रभु को भूल संसार को चाहते
यह है जीवन की विडंबना
मैं और मेरा कहते नहीं थकते
यह है जीवन की विडंबना
अपने पराए का भेद पालते
यह जीवन की विडंबना
मन मचलता तन ना चलता
यह है जीवन की विडंबना
कभी-कभी अंतर्मन रोता
यह है जीवन की विडंबना
लालच मोह बढ़ता ही जाता
यह है जीवन की विडंबना
धन ऐश्वर्य छूट यहां जाता
यह है जीवन की विडंबना
आज मिले कल मिल न पाते
यह है जीवन की विडंबना
कालचक्र को समझ न पाते
यह भी जीवन की विडंबना

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