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"मंदिरों और तीर्थ स्थलों की भूमि" नाम से,तमिलनाडु जाना जाता।
सांस्कृतिक संवर्धन,वास्तु कला,नृत्य कला से जुड़ा है नाता।
बारह ज्योतिर्लिंग में एक ज्योतिर्लिंग, चारों धाम में एक धाम।
रामजी ने की शिवलिंग की स्थापना, रामेश्वर हुआ नाम।
रामेश्वर रामायण का,एक जीवन्त है संस्मरण ।
प्राकृतिक सुंदरता का खजाना,भक्तों और पर्यटकों का आकर्षण।
हिंद महासागर का सुहावना द्वीप, चारों और है जहाँ जल।
क्षितिज का नजारा प्यारा,नहीं दिखता कोई स्थल।
"पहाड़ों की रानी"उटी,नीलगिरी हिल रेलवे का आनन्द।
चाय बागान,शान्त झरने,मंदिर,रोज गार्डन मनपसंद।
स्वर्ग से भी सुंदर लगते,सागर बीच मन को लुभाते।
नई चीजों की खोजबीन करने,पर्यटक पुडुचेरी आते ।
मृदु मलाई खूबसूरत पर्यटन स्थल, नीलगिरी पहाड़ियों में स्थित।
वन्यजीवन,राष्ट्रीय-उद्यान,प्रकृति प्रेमियों को करते आकर्षित।
धनुष्कोड़ी स्थान जहाँ,राम ने "राम सेतु" का किया निर्माण।
समुद्री तूफान से बिगड़ी भव्य सुंदरता, किया गया पुनर्निर्माण।
कावेरी और साला नदियों बीच, बसा हुआ कुम्भकोणम।
भारतीय सांस्कृतिक जड़ों का प्रतीक, त्यौहार मनाया जाता महामहाम।
कोडाईकनाल"वनों का उपहार",हिलस्टेशनों की राजकुमारी, कहलाती।
पहाड़ियों,झीलों की सुन्दरता,मन को बहुत लुभाती ।
भारत के चार महानगरों में,राजधानी चेन्नई का नाम है आता ।
दुनियाँ का दूसरा बड़ा समुद्र तट, "मरीना बीच" नाम से जाना जाता।
पुराना नाम मद्रास,ऐतिहासिक संग्रहालय,स्मारकों का शहर।
पार्थसारथी,कपालेश्वर महादेव, अष्टलक्ष्मी का सबसे प्राचीन है मंदिर।
पहाड़ी समुद्री तटों से घिरा कन्याकुमारी,"केप कोमोरिन" नाम से जाना जाता।
सूर्योदय,सूर्यास्त का मजा,यहाँ बहुत है आता।
भारत के हिंदू मंदिरों में एक,कुमारी अम्मन भगवती मंदिर ।
धान के खेतों,नारियल पेड़ों से घिरा हुआ है कन्याकुमारी तटीय शहर।
एक हजार मंदिरों का सुनहरा शहर, कांचीपुरम जाना जाता।
भगवान शिव की पत्नी का मंदिर, कांची कामाक्षी नाम से प्रसिद्धि पाता।
कांंचीवरम साड़ियाँ विश्व भर में प्रसिद्ध है ।
एकम्बेश्वर शिव जी का मंदिर, वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध है ।
कमल के रूप में निर्मित,सांस्कृतिक राजधानी मदुराई।
विशाल मीनाक्षी मंदिर का दर्शन करने आते लोग लुगाई ।
नक्काशी दार मंदिर,राॅककट गुफायें, शोर मंदिर,पाँच रथ महाबलीपुरम में।
मगरमच्छों की बैंक और प्रजातियाँ, समुद्री तट सदर और कोवलम में।
देश का सबसे पुराना जल पक्षी अभयारण्य,है वेदांतगल में।
बगलों, चमचों और सारस ,देख सकते मौसम में।
गरीबों का उटी सलेम जिले में, यरकौड हिल स्टेशन।
झरनें,झीलें,चर्च,मंदिर, ट्रैकिंग ट्रेंस, सूर्योदय सूर्यास्त के सुंदर दर्शन।
कैंपिंग और ट्रैकिंग करना,कोयम्बटूर में है बड़ा लोकप्रिय।
इचनारी,विनयगर,मरुथामलाई मुरूगन, तिरुमूर्ति मलाई,अय्यप्पन मंदिर है जन-जन प्रिय।
प्राचीन मंदिरों,नई इमारतों का, है जहाँ समावेश ।
उद्योग,वस्त्र और विनिर्माण का, प्रमुख है यह प्रदेश।
अर्थव्यवस्था से प्रेरित,"सातवां स्वर्ग" हिल स्टेशन वलपराई।
कॉफी और चाय के स्टेेटस् सहित, रमणीयता देेख मन हरषाई।
वेल्लोर में स्थित छोटा सा हिल स्टेशन येलागिरी कहलाता।
झीलें,पार्क,सूर्यास्त बिंदु,शुद्ध शहद के लिए जाना जाता ।
थामीबरानी नदी के पश्चिमी तट पर,है तिरुनेलवेली ।
मंदिर,झरने देखने,आती यहाँ सहेली।
भव्य हवेलियों,महलनुुमाघर,शानदार मंदिर,संग्रहालय करते आकर्षित।
शिवगंगा जिले में स्थित चेट्टिनाड, भव्य वास्तुकला को करता प्रदर्शित।
द्रविड़ शैली की वास्तु कला,संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता चिदंबरम।
पौराणिक नटराज मंदिर में,देवी काली संंग शिव करते हैं नृत्यम।
"द फोर्ट सिटी" उपनाम वेल्लोर को दिया जाता ।
छात्रों और चिकित्सा पर्यटकों का, लगता है यहां ताँता।
चर्च,मस्जिद,सुुनवनेेश्वर मंदिर और कोटई मरियम्मन।
"इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा" देखने आते पर्यटक सलेम।
अरुणाचल पर्वत और तिरुवन्नामलाई आध्यात्मिक उर्जाओं का घर है।
अरुणाचलेश्वर,अन्नामलईयार मंदिर, श्री रमण आश्रम घर है।
दुनियाँ का सबसे बड़ा मैंग्रोव,वनों की गिनती में पिचवारम आता।
नाव सवारी से सर्वोत्तम दर्शन कर, मन बड़ी ही शान्ति पाता।
इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान पौधों,जानवरों की रक्षा करता।
अन्नामलाई टाइगर रिजर्व को देखे बिन,पर्यटक अधूरी यात्रा करता।
तमिलनाडु में बोली जाने वाली भाषा तमिल है।
श्रवण पटको प्यारी लगती संस्कृत का मिश्रण है।
उदारता और प्यार के साथ तमिलनाडु में,भोजन परोसा जाता।
डोसा,इडली,उपमा,सांभर,परोता,
पायलट,केसरी मन लुभाता ।
कारगम लोक नृत्य,तंजावर गांव से शुरू हुआ है।
बारिश की देवी "मारियम्मान" नदी देवी "गंगाई अमन" के रूप में नृत्य प्रस्तुत हुआ है।
प्राचीन पारम्परिक भरतनाट्यम, भारत में लोकप्रिय है।
सात शास्त्रीय नृत्य में एक,तमिलनाडु का नृत्य है।
तमिलनाडु का पोंगल त्योहार,मकर सक्रांति या तिमिझर नाम से जाना जाता।
खेतों में नई फसल के स्वागत में, हर्षोल्लास से मनाया जाता।
महामगम त्यौहार बारह साल में एक बार मनाया जाता ।
दक्षिण भारत का त्योहार,यह कुंभ मेले सा जाना जाता।

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