समय जब चल रहा होता, कीमत ज्ञात नहीं होती
हर क्षण हरपल जीवन का, है बेशकीमती मोती
जैसे देह लिए प्राण को जगमग प्रकाश मई होती ,
समय हमारा प्यारा साथी जीवन मैं लाता ज्योति
समय जो बीत गया जीवन में वापस कभी न आता
प्राण चले गए देह से जीवन खत्म हो जाता
जब तक समय मिले हम सबको खूब रहे इसमें हम मस्त
प्राण चले जाने से यह देह हो जाएगी ध्वस्त
समय कभी ना खोएं हम इसकी कीमत पहचाने
कब हो किससे फिर मिलना तुम जानो ना हम जाने
कल तक साथ रहे हम जिनके आज नजर नहीं आते
आने वाले समय के संग क्या हम सब जुड़ पाते