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सावन मास में शिव की पूजा,
हर भारतवासी करता है।
अभिषेक करता शिव गौरी का,
जीवन सफल समझता है।।
कांवरिया ले चलते कावड़,
बारिश, धूप या कष्ट कठिन,
शिवालय में जल चढ़ा के,
होते हैं वह अति प्रसन्न।।।
ग्रीष्म ऋतु के जाते ही,
आता है सावन मनभावन।
राधा कृष्ण झूला झूलत,
कर देते जन्म पावन।।
तीज त्योहारों का मेला,
याद दिलाता बचपन की।
व्रत, सिंधारा करती नारियाँ,
उम्र हो चाहे पचपन की।।
बादलों की देख घटाएँ,
हर्षित हो नाचता मोर।
रंग-बिरंगे पँख देखकर,
अँखियन होती भावविभोर।।
कुकू- कुकू कोयल गाती,
मन को बड़ी लुभाती है।
रिमझिम रिमझिम वर्षा की बूँदे,
मन प्रसन्न कर जाती है।।

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