भले ही राह में कंटक हज़ार हों, विघ्न हों, बाधाएं हों, दुश्वारियां हज़ार हों,
राह कंटकाकीर्ण हो, पथरीली पगडंडियां बेशुमार हों,
भले ही मुझे रोकने हेतु सहस्त्र बाण हों,
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही मुझसे मंज़िल हो कोसों दूर,
भले ही घना तम छा जाए चहुँ ओर,
मन में नए विश्वास की जोत मैं जलाए रखूंगा,
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही कदम मेरे पग-पग पर डगमगाने लगे,
प्रतिक्षण, प्रतिपल शिथिलता से घबराने लगें,
मेरा साथ छोड़कर सभी मुझसे दूर अतिदूर जाने लगें,
मन में नई उम्मीद की किरण मैं जलाए रखूंगा,
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही हिमप्रपात हों मेरी राहों पर,
भले ही घनेरी मुसीबतें छा जाएं मेरे चहुँ ओर,
भले ही चारों ओर गर्जनाएं हज़ार हों,
भले ही चलना पड़े मुझे पथरीली चट्टानों पर,
मन में आशा का दामन मैं थामे रखूंगा,
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही आंधी आए, तूफ़ान आए, कठोर अग्निवर्षा ही हो जाए,
भले ही वेदनाओं का अथाह पहाड़ मेरे समक्ष खड़ा हो जाए,
भले ही नभ में बिजली कड़के,
भले ही आसमान में बादल गड़गड़ाएं,
मन में सपनों की अलख मैं जलाए रखूंगा,
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही राहें हों मेरी ऊबड़-खाबड़,
भले ही चप्पे-चप्पे पर तूफ़ान आ जाए,
तूफानों से भिड़कर भी नई राह बनाऊंगा,
मन में विश्वास की पकड़ मैं बनाए रखूँगा।
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही तारों को ज़मीं पर उतारना पड़े,
भले ही मरुभूमि में फूलों को उगाना पड़े,
भले ही अग्निपरीक्षा की विकट घड़ियों से गुज़रना पड़े,
भले ही फौलादी राहों का रुख मोड़ना पड़े,
मन को उम्मीद की दिलासा मैं दिलाए रखूँगा,
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
भले ही परिस्थितियां हों कितनी भी प्रतिकूल,
भले ही अंधड़ चले, आंधी चले या राहों में बिछे हों शूल,
भले ही रास्ते में प्रचंड ज्वालाएं धधकती हों,
भले ही मुश्किल घड़ियाँ अनवरत व्याकुल करती हों,
मन को चट्टान-सा मजबूत मैं बनाए रखूंगा।
पर ऐ ज़िंदगी! मेरा वादा है तुमसे,
कि सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा,
सपनों को देखना मैं जारी रखूंगा।

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