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बेटियां हैं वरदान, माता-पिता का मान,
घर की रौनक, खुशियों की पहचान।
ममता की मूरत, स्नेह का संसार,
हर रिश्ते को सजातीं, करतीं उद्धार।

सहनशीलता की मूर्ति, धैर्य की खान,
सपनों को बुनतीं, उड़ान देतीं अरमान।
हर मुश्किल में चट्टान सी अडिग खड़ी,
नारी शक्ति का अद्वितीय रूप बनी।

पढ़-लिख कर आसमां को छूती हैं,
हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाती हैं।
संस्कार, शिक्षा और प्यार का संगम,
बेटियां हैं घर की धड़कन, जीवन का मधुरम।

इन्हें मत समझो कमज़ोर या बेबस,
ये तो हैं हर घर की शान और जग की रौनक।
संभालेंगी घर भी, जग भी करेंगी रोशन,
बेटियां हैं सच्चा उपहार, देवों का प्रसन्न!  

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