ज्ञान की हो रही थी बहुत बरसात
पर कोई नहीं चल रहा था हमारे साथ,
भीगने को मैं बहुत आतुर था
पर देखकर छातो की संख्या थोड़ा भावुक था।
कोई नही चाहता इस ज्ञान की बारिश में भीगना
सबको अपना ज्ञान प्यारा लगता है।
अपने ज्ञान के दम पर तू इंसान उछलता है।
इस अहंकार में ही तेरा जीवन निकलता है।
यही दिया तले अंधेरा का वास्तविक अर्थ निकलता है।
सभी महापुरुष यही समझाते है।
ज्ञान का असली अर्थ बताते है।
ज्ञानी व्यक्ति की संगत से इंसान कितना ऊपर जाता है।
आत्मविश्वास से भर स्वयं तो होता ही सफल है।
आने वाली पीढ़ी के लिए सफलता के आयाम और उद्देश्य बनाता है
ज्ञान कोई दे , तो बटोर लो,
पर पहले थोड़ा टटोल लो,
वरना दिया तले अंधेरे में रह जाओगे।
जीवन के कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे।

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