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जंगलों और वनों में रहे, खुशी से जीवन बिताया,
वनों की छाया में पले, नदियों के संग खेले।
प्रकृति से हम हैं जुड़े, हर मौसम के मर्म झेले।
जब पड़ी जरूरत देश को, अपना साहस दिखाया,
ले तीर कमान हाथों में, अपना परचम लहराया।
जिसका दिया साथ हमने, उसको विजयी बनाया।
पर्वत, जंगल, नदी हमारी, यही है हमारा धाम,
इनकी रक्षा करना हमको, हमारा सच्चा काम।
हमारा समाज शिक्षा पाकर आगे बढ़ता जाता है,
कोई ऐसा कार्य नहीं जिससे न हमारा नाता है।
हम आदिवासी जनजाति देश की शान हैं,
संघर्ष, मेहनत और समर्पण हमारा स्वाभिमान हैं।
त्योहारों की रंगत निराली, वनों में मनती होली-दिवाली,
हर दिन की मेहनत हमारी, सच्ची है और खरी।
वन्य जीव की रक्षा हमने मन में ठानी है,
रंग-बिरंगे वस्त्र पहनकर, जब नृत्य करें हम सारे,
धरा-गगन भी गूंज उठे, सभी देखें हमारे नजारे।
परंपराओं की माला पहने, हम राष्ट्र की शान,
संस्कृति और इतिहास से हमारी होती पहचान।
जय जननायक, जय वनपालक, हम आदिवासी महान।

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