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जो प्रेम, विरह, करुणा, दया दिखाती है।
वो कलम ही है जो सत्य का बोध कराती है।।
वो कलम की ताकत ही है जो झोपड़ी के कदमों में मीनार गिराती है।
निर्वावाद निष्पक्ष लिखना मेरा आयाम है।
लिखता रहूंगा हमेशा देशहीत, मानवता और सेवा के ऊपर कलम को आगे बढ़ाऊंगा।
जनता के दिलो में अपनी स्वयं की
पहचान बनाऊंगा।
जो प्रेम विरह करुणा दया दिखाती है
वो कलम ही है जो सत्य का बोध कराती है।
वो कलम की ताकत ही है जो झोपड़ी के कदमों में मीनार गिराती है।

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