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आजादी का अमृत महोत्सव
कितना खुश हो जाता हू।
जब तिरंगे को शिखर पर पाता हू।
याद करता हू ,भारत माता के वीर सपूतों को
जिनके कारण आजाद हुए।
मां भारती की रक्षा खातिर,
उन्होंने कितने दुख दर्द सहे।
सभी स्वतंत्रता सेनानियो के सम्मान में
नतमस्तक हो जाता हू।
कर याद उनके बलिदान को अपना शीश झुकाता हूं।
लहरा कर तिरंगा आजादी का अमृत महोत्सव मनाता हूं।
बापू के आदर्शो को जीवन में लाना है।
सत्य अहिंसा से आगे बढ़ते जाना है।
अब तो धरा पर गूंजे एक ही नारा
कितना प्यारा, कितना खुशहाल,
कितना समृद्ध, कितना विकसित
भारत प्यारा देश हमारा
भारत प्यारा देश हमारा   

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