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आज में आपको मेरे करियर की शुरूआत के कुछ कड़वे मीठे अनुभव के बारे बताया हू। दोस्तो, हम सभी जानते कि एक सोना भी आग पर रखने से और निखर जाता है। ऐसा है हमारा नर्सिंग करियर भी इसी प्रकार का है। हमे अगर लगन त्याग समर्पण की भावना तो हम सब कुछ हमारे प्रोफेशन में सीख सकते है जो कि पूरे जीवन तक चलता रहता है। समय का सदुपयोग और नई जानकारी हमे पढ़ने को मिलती है। हमेशा अपने को सीखने वाला बनाने की जरूरत है। जिसमें मुख्य रूप से हमे मरीज़ की बात को पूरा गंभीरता से सुनना और मरीज़ की भाषा में है रोगी को समझाना जरूरी है। उस समय जो रोगी के चेहरे पर जो मुस्कान रहती है उसे देखकर मन खुश हो जाता है। हमारे कार्य में हमे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। क्युकी रोगी के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है। मै इसी मार्ग पर आगे बढ़ता गया और आज अपने आप को सफल नर्सेज की श्रेणी में मानता हू। जीवन में अपने कार्य क्षेत्र रोज निरंतर कुछ नया सीखने का प्रयास करता हू। और अपने साथ टीम को भी प्रोत्साहित करने का करता हू।

मैंने अपने कैरियर कि शुरुवात 1 सितम्बर 2001 में की थी।जब नर्सिंग व्यावसाय को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। और ना ही इतना वेतन मिलता था। और नर्सेज का काम बहुत ज्यादा होता था। परन्तु मैंने अपना सीखना प्रारंभ रखा।

जब भी ड्यूटी पर हॉस्पिटल में जाता हमेशा सभी उच्च पदाधिकारियों का आदर सभी से हंस कर मुस्कराकर बात करना। पहले हॉस्पिटल में वार्ड का निरीक्षण करना। वहा पर भर्ती रोगियों से मुलाकात करना उनके हाल चाल पूछना।

उनका मानसिक तनाव कम करना जिससे कि वे अपने आप को कभी अकेला और कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित रोगी ना समझे। उनसे उनकी दवा लेने के बारे में पूछना। वार्ड में सफाई का ध्यान रखना और वार्ड की देखभाल करना। सभी नर्सेज टीम मेंबर से मिलकर दिन के इवेंट की प्लानिंग करना और उसको इंप्लीमेंट करना यही मेरे प्रोफेशन की खास बात है। जो मुझे कुछ अलग करती है। और हमेशा आगे बढ़ने की हिम्मत और प्रेरणा देती है। दोस्तो, आप भी रोगी के से मिलो तो उसे अपने परिवार का सदस्य समझकर ही बात कीजिए फिर देखिए मरीज़ अपनी बीमारी भूलकर आपको बहुत दुआए देगा। आपके आने वाले भविष्य में बहुत कुछ सीखने का अनुभव होगा। बहुत खुशी मिलती है। मरीज़ खुशी खुशी मेडिसिन लेगा और इंजेक्शन लगवाएगा।

यही मेरा अनुभव है दोस्तो।

नर्सिंग प्रोफेशन में कुछ सीखने जस्बा और जुनून हमेशा बरकरार रखे। सफलता आपके कदम चूमेगी। ये सब मेरे अनुभव है परन्तु आज के समय में कोरॉना काल में अपनी स्वयं की सुरक्षा और मरीज़ की सुरक्षा हमारा महत्वपूर्ण कार्य है।

होता है जिनमे त्याग समर्पण और सम्मान
जीवन में सफलता वो ही पाते है।
रहे हमेशा देश प्रेम की भावना,
वो ही असली वॉरियर कहलाते है।।
जय हिन्द, जय भारत,

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