आज सुबह उठा तो यह ख्याल आया ।
सोते समय मोबाइल चार्ज नहीं लगाया ।
अब तो उठने का बहाना भी नही मिल पाया
ऐसा लगा मनमीत रूठ गया दिल टूट गया ।
कैसे करूंगा सभी को प्रणाम , सुप्रभात
कैसे मैं स्टेट्स ,और नए नए पोस्ट लगाऊंगा
फेस बुक,इंस्टा की अपडेट कैसे पढ़ पाऊंगा
मन भी नही काबू में नहीं रख पाया
चाय भी ठंडी हो चली नही गटक पाया
उधर जाने की बात तो छोड़ो ,जी भी बहुत घबराया ,
सोचता रहा चार्ज लगा लेता तो अच्छा होता
दोस्तों, मैं तो सिर्फ माध्यम हू ।
सबका यही हाल है हो गएआदि मोबाइल के
अब तो इसके बिना जीना,रहना बेहाल है।
ये भी एक नशा है।जो सबके सिर चढ़ गया
सीधा साधा मैं भी मोबाइल की लत में पड़ गया
आजकल मोबाइल का उपयोग इतना बढ़ गया
सोना , खाना , पीना कुछ याद न आता है ।
आज के माहौल में मोबाइल से गहरा नाता है
इसकी आदत भी छुड़वाओ
जितना हो सके मोबाइल का उपयोग कम
करो और सुखी जीवन जीवो , और परिवार के साथ खुशहाल जीवन बताओ ।
मोबाइल तो आज है खराब हुआ चला जायेगा
परंतु परिवार तो चिरायु समय तक साथ निभायेगा ।
छोड़ो मोबाइल का मोह , परिवार से नाता जोड़ो ,
मोबाइल की लत होती बहुत खराब
ये भी एक नशा है ।
आजकल की युवा पीढ़ी बहुत ज्यादा इसकी शिकार है ।