शरद पूर्णिमा की रात आई,
चाँदनी ने धरती को महकाई।
खीर बनी जब चाँद के नीचे,
उसमें छिपी अमृत की छाईं।
चाँद की चांदनी में पकती खीर,
स्वाद में उसका होता है नीर।
हर चम्मच में घुली सेहत,
देती रोगों से राहत की तीर।
रात भर चाँदनी में रखो इसे,
आशीर्वाद चाँद का मिल जाए।
हर रोग का नाश करे ये खीर,
जीवन में सुख-समृद्धि भर जाए।
खीर में छुपा है स्वास्थ्य का राज,
शरद पूर्णिमा का ये है अंदाज़।
मीठे स्वाद संग गुणों का खज़ाना,
पूर्णिमा की रात में खीर है नायाब।

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