Photo by jaikishan patel on Unsplash
शिक्षा का खूब हुआ प्रसार
सभी छात्रा छात्र खूब पढ़ लिखकर आगे पढ़ते जाते है ।
अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो खूब नाम कमाते है ।
देश की विकास में सहयोग के हमेशा तैयार होते जाते है ।
पर जो बात कवि को खटकती है
दिल में चुभती है ।
माना बच्चे खूब पढ़ते जाते अपनी मेहनत से सर्वोच्च स्थान पाते
परंतु उच्च शिक्षा हो गई महंगी इतनी कि साधारण परिवार के बच्चे आगे नहीं बढ़ पाते
बड़े शहरों में शिक्षा खर्च बहुत आता है ।
कवि करता है अपेक्षा सरकार से
बड़े शहरों की शिक्षा को और सुगम बनाओ
साधारण परिवार के बच्चों को भी उच्च शिक्षा सस्ते में उपलब्ध करवावो
हॉस्टल हो सभी महाविद्यालय में
जिससे उनका खर्च कम आता है ।
हर ग्रामीण बच्चा भी बड़े शहर में पढ़ने जा पाता है ।
तभी सभी का सपना होगा साकार
अभी जो है व्यवस्था उसमे सिर्फ ऊंट के मुंह में सिर्फ जीरा आता है ।
पर ऐसा हो की गागर में सागर भर जाए ।
तभी सभी साधारण वर्ग बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ पाएगा ।
शिक्षा का खूब होगा शिक्षा प्रसार
सभी बच्चों का होगा सपना साकार ।।