वक्त तो गुजर रहा है,
उम्र का पड़ाव धीरे धीरे बढ़ रहा है,
जिम्मेदारियों के बोझ से जिंदगी
बदलती जा रही है,
हर कोई अपनी अपनी सोच रहा है,
ऐसे समय में एक दोस्त ही साथ निभाता है।
हमेशा हम साया बन साथ निभाता है।
थोड़ी सी खुशियां देकर
चहेरे पर मुस्कुराहट लाता है।
जीवन जीना है
खुश रहना, स्वथ्य रहना,
परिवार ,दोस्तो के साथ समय बिताना
यही सबसे सबसे बड़ी जीने की कला है।।

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